Homeउत्तराखण्ड न्यूजसजा सुनकर बेहोश हुआ नायब तहसीलदार, घूस लेते पकड़ा गया था अफसर

सजा सुनकर बेहोश हुआ नायब तहसीलदार, घूस लेते पकड़ा गया था अफसर


जशपुर: तात्कालीन नायब तहसीलदार कमलेश कुमार मिरी को रिश्वत मांगने के आरोप में सजा सुनाई गई. विशेष न्यायालय ने तीन साल सश्रम कारावास और 50 हजार अर्थ दंड की सजा सुनाई. कोर्ट का फैसला सुनते ही तत्कालीन नायब तहसीलदार कमलेश मिरी कोर्ट रूम में ही बेहोश हो गया. कमलेश मिरी को प्राथमिक चिकित्सा के बाद जेल भेज दिया गया. एंटी करप्शन ब्यूरो ने मिरी को 27 अगस्त 2020 को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया था.

घूसखोर नायब तहसीलदार सुजा सुनते ही हुआ बेहोश: लोक अभियोजक सीपी सिंह ने बताया कि शहर के दरबारी टोली निवासी प्रार्थी अनोज गुप्ता ने शिकायत की थी. फरियादी ने एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर में नायब तहसीलदार कमलेश मिरी द्वारा जमीन नामातंरण के एवज में 3 लाख की रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीब की टीम ने एक्शन लिया. रिश्वत की मांग करते हुए नायब तहसीलदार मिरी की आवाज डिजिटल वायस रिकार्डर में रिकार्ड कर आवाज की पुष्टि की गई.

सजा सुनकर बेहोश हुआ नायब तहसीलदार (ETV Bharat)

एसीबी की टीम ने रंगेहाथों पकड़ा था: 27 अगस्त 2020 की सुबह 11 बजे एसीबी के डीएसपी गौरव मंडल के नेतृत्व में शहर के पुराना कलेक्टर कार्यालय स्थित तहसीलदार के आफिस में दबिश दी. जैसे ही प्रार्थी ने रिश्वत की रकम नायब तहसीलदार को दिया वैसे ही पहले से मौजूद एंटी करप्शन ब्यूरो के लोगों ने उसे दबोच लिया. रिश्वत की रकम में केमिकल लगा था. एसीबी की कार्रवाई के दौरान तहसीलदार अपने दफ्तर से भागने की कोशिश करने लगा लेकिन एसीबी की टीम ने उसे पकड़ लिया.

इन धाराओं के तहत हुई कार्रवाई: एसीबी ने कमलेश कुमार मिरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अंर्तगत अपराध पंजिबद्व किया था.जशपुर के विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया. लोक अभियोजक सीपी सिंह ने बताया कि अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद विशेष न्यायधीश सत्येंद्र कुमार साहू ने आरोपित को 3 साल सश्रम कारावास और 50 हजार के अर्थ दंड की सजा सुनाई.

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