रोहित कुमार सोनी, देहरादून: उत्तराखंड में सड़क हादसे असमय लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं. शासन प्रशासन के लिए ये एक बड़ी चुनौती बन गया है. खासकर, मॉनसून सीजन के दौरान हो रही सड़क दुर्घटनाओं के मामले रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो साल दर साल सड़क हादसे उतने नहीं हुए जितनी मौतें हुई हैं. खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाएं चुनौती बन रही हैं. पिछले 5 महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो सड़क हादसों में थोड़ी कमी आई है. लेकिन मौतों के आंकड़े में 9.69 फीसदी और घायलों के आंकड़े में करीब 124 फीसदी का इजाफा हुआ है. जबकि परिवहन विभाग रोड सेफ्टी को लेकर तमाम दावे कर रहा है.
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों समेत मैदानी क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं का होना आम बात हो गया है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन चलाना मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले काफी कठिन है. क्योंकि पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करने के दौरान अतिरिक्त सावधानियां बरतनी पड़ती हैं.
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी के बावजूद मौतों की संख्या बढ़ रही है. (VIDEO- ETV Bharat)
यही वजह है कि मैदानी क्षेत्र के मुकाबले पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं के बड़े मामले देखे जा रहे हैं. प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार, रोड सेफ्टी के तहत तमाम कार्य तो करवा रही है, लेकिन उसका कुछ खास असर धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसा हम नहीं, परिवहन विभाग से मिले आंकड़े ही इसको बयां कर रहे हैं.
परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 में जनवरी से मई महीने तक प्रदेश भर में 684 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई. इन सड़क दुर्घटनाओं में 453 लोगों की मौत हुई और 1231 लोग घायल हुए. वहीं, साल 2024 में मई महीने तक प्रदेश भर में 701 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं.
पिछले 5 महीने में हुई सड़क दुर्घटनाओं की तुलनात्मक जिलावार स्थिति (PHOTO- ETV Bharat)
इन सड़क दुर्घटनाओं में 413 लोगों की मौत और 549 लोग घायल हुए थे. यानी साल 2024 के मुकाबले 2025 के शुरुआती 5 महीनों में भले ही सड़क दुर्घटनाओं में 2.43 फीसदी की कमी हुई हो, लेकिन मौतों के आंकड़े में 9.69 फीसदी और घायलों के आंकड़े में 124.23 फीसदी का इजाफा हुआ है.
हालांकि, साल 2023 में प्रदेश भर में 1691 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं. इन सड़क दुर्घटनाओं में 1054 लोगों की मौत और 1488 लोग घायल हुए थे. इसी तरह साल 2024 में प्रदेश भर में 1747 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं. इन सड़क दुर्घटनाओं में 1090 लोगों की मौत और 1547 लोग घायल हुए थे.
पिछले 5 महीने में हुई सड़क दुर्घटनाओं की तुलनात्मक जिलावार स्थिति
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सड़कों पर गति सीमा निर्धारण: प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाए जाने को लेकर परिवहन विभाग गति सीमा निर्धारण पर भी जोर दे रहा है. जिसके तहत, पिछले साल ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक की सड़कों का गति सीमा निर्धारण किया जाने को लेकर अध्ययन करवाया था. ऐसे में दूसरे चरण के तहत देहरादून और हरिद्वार की सड़कों की गति सीमा तय की जाएगी.
इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. परिवहन विभाग के अनुसार, जल्द ही देहरादून और हरिद्वार की सड़कों के गति सीमा का निर्धारण का काम शुरू हो जाएगा. हालांकि, परिवहन विभाग पहली बार प्रदेश भर की सड़कों का वैज्ञानिक तरीके से गति सीमा निर्धारण कराने जा रहा है.

प्रदेश में मई 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की जिलेवार स्थिति (PHOTO- ETV Bharat)
रोड सेफ्टी ऑडिट: हालांकि, जब सड़क का निर्माण किया जाता है तो उस दौरान सड़क निर्माण करने वाली कार्यकारी संस्था रोड सेफ्टी ऑडिट करवाती है. लेकिन अब परिवहन विभाग ने प्रदेश की तमाम सड़कों का रोड सेफ्टी ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. जिसके लिए 5 से 6 रोड सेफ्टी ऑडिटर्स कंपनियों को इम्पैनल करने जा रहा है. रोड सेफ्टी ऑडिटर के इंपैनल होने के बाद प्रदेश के उन सड़कों का ऑडिट करवाया जाएगा जो ब्लैक स्पॉट है या फिर जो दुर्घटना संभावित मार्ग हैं. ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम से कम किया जा सके.
लगाए जाएंगे एनपीआर कैमरे: इसके अलावा, यातायात नियमों को तोड़ने वाले लोगों पर कार्रवाई किए जाने और निगरानी रखे जाने को लेकर 17 एनपीआर कैमरे काम कर रहे हैं. ऐसे में 20 एएनपीआर कैमरे (Automatic Number Plate Recognition Cameras) और लगाए गए हैं जो जल्द ही एक्टिव हो जाएंगे. इसके अलावा 20 और स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहां पर अगले दो तीन- महीने में एनपीआर कैमरे लगाने जा रहा है.

साल 2024 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति. (PHOTO- ETV Bharat)
वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाए जाने को लेकर तमाम प्रयास किए गए हैं. बावजूद इसके जितनी सफलता मिलनी चाहिए, उतनी सफलता नहीं मिल पाई है. साल 2023 की तुलना में साल 2024 में सड़क दुर्घटनाएं थोड़ी सी बढ़ी थी.
साल 2024 की तुलना में साल 2025 के इन 5 महीनों में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, मृतकों और घायलों की संख्या इन पांच महीना में पिछले साल की तुलना में बढ़ी है. घायलों की संख्या बढ़ने के पीछे की वजह यही है कि सड़क दुर्घटना से संबंधित सभी जानकारियां अपलोड की जा रही हैं.
सड़क हादसों में कमी लाने की कोशिश: साथ ही कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी परिवहन विभाग के साथ ही पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग भी अपडेट करता है. ओवरऑल सड़क दुर्घटनाओं में इन पांच महीनों में कमी देखी गई है. ऐसे में परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 15 फीसदी की कमी आए.
सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाए जाने को लेकर परिवहन विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों की ओर से तमाम प्रयास किए गए हैं. लेकिन गाड़ियों की संख्या बढ़ने और लोगों का आवागमन बढ़ने की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में परिवहन विभाग की कोशिश है कि न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में 15 से 20 फीसदी की कमी आए, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों और घायलों की संख्या में भी कमी आए.

साल 2023 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति. (PHOTO- ETV Bharat)
क्रैश बैरियर लगाने की जद्दोजहद: लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कई बार गाड़ी सड़क से नीचे खाई में गिर जाती हैं, जिसके चलते गंभीर दुर्घटनाएं हो जाती हैं और कई बार जनहानि भी होती हैं. जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने 3 साल पहले रोड सेफ्टी पर काम शुरू किया था. ऐसे में रोड सेफ्टी यानी क्रैश बैरियर लगाने के लिए अभी तक करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक के काम स्वीकृत किए जा चुके हैं.
तय सड़कों के किनारे लगने वाले क्रैश बैरियर का काम लगभग 90 फीसदी पूरा किया जा चुका है. इसके अलावा पिछले साल राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि राज्य के जितने भी स्टेट हाईवे हैं, उनको क्रैश बैरियर से सुरक्षित कर किया जाए. ऐसे में अगले दो से तीन सालों में प्रदेश के सभी स्टेट हाईवे में कैश बैरियर लगा दिये जाएंगे.
पीडब्लूडी सचिव ने कहा कि जिला स्तर की सड़क सुरक्षा समिति जो भी सुझाव देती है, उस सुझाव के आधार पर काम किया जा रहे हैं. हालांकि, सड़क सुरक्षा का मतलब सिर्फ क्रैश बैरियर लगाना ही नहीं है. बल्कि बहुत सारे मेकैनिज्म होते हैं जिसके जरिए सड़क सुरक्षा के काम किए जाते हैं. जिसमें मिरर लगाना, कर्व सही करना, सड़कों की ढलान को ठीक करना समेत अन्य तमाम चीज हैं जिनको तकनीकी रूप से देखा जाता है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी विभाग का भी उद्देश्य यही है कि सड़क दुर्घटनाओं को कम से कम किया जाए.
हादसों के कारण: आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा से बचाव करने को लेकर सुझाव दिए जाते रहे हैं कि जब भूस्खलन हो रहा हो या फिर बरसात हो रही हो, उस दौरान यात्रा करने से बचें. क्योंकि इस दौरान सड़क दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसके अलावा भी सड़क दुर्घटना के तमाम अन्य कारण भी हैं जिसमें ओवर स्पीड, टेक्निकल इश्यू, चालक की लापरवाही, रेश ड्राइविंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना भी शामिल है.
प्रदेश में मई 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की जिलेवार स्थिति
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साल 2024 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति.
- प्रदेश भर में 1747 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1090 लोगों की मौत और 1547 लोग घायल हुए थे.
- उत्तरकाशी जिले में 17 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 20 लोगों की मौत और 41 लोग घायल हुए थे.
- टिहरी जिले में 54 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 36 लोगों की मौत और 69 लोग घायल हुए थे.
- चमोली जिले में 22 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 14 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हुए थे.
- रुद्रप्रयाग जिले में 12 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 23 लोगों की मौत और 30 लोग घायल हुए थे.
- पौड़ी जिले में 31 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 28 लोगों की मौत और 35 लोग घायल हुए थे.
- देहरादून जिले में 511 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 209 लोगों की मौत और 431 लोग घायल हुए थे.
- हरिद्वार जिले में 434 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 283 लोगों की मौत और 344 लोग घायल हुए थे.
- नैनीताल जिले में 170 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 133 लोगों की मौत और 138 लोग घायल हुए थे.
- उधम सिंह नगर जिले में 422 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 271 लोगों की मौत और 322 लोग घायल हुए थे.
- अल्मोड़ा जिले में 19 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 44 लोगों की मौत और 40 लोग घायल हुए थे.
- पिथौरागढ़ जिले में 24 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 7 लोगों की मौत और 44 लोग घायल हुए थे.
- चंपावत जिले में 26 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 17 लोगों की मौत और 22 लोग घायल हुए थे.
- बागेश्वर जिले में 5 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 5 लोगों की मौत और 3 लोग घायल हुए थे.
साल 2023 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति
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