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EPFO मेंबर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार का बड़ा फैसला! 'अब 5 लाख तक ऑटो-सेटलमेंट लिमिट …'


नई दिल्ली: एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने एडवांस क्लेम के लिए ऑटो सेटलमेंट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला किया है. यह देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है.

इसका मतलब है कि, अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य अपने पीएफ खातों से 5 लाख रुपये तक की अग्रिम राशि ऑटोमैटिक तरीके से निकाल सकेंगे. श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को इस नई सुविधा की घोषणा की है, जो तत्काल जरूरतों के समय बड़ी राहत देगी.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, मनसुख मंडाविया ने कहा कि, ईपीएफओ ने एडवांस क्लेम के लिए ऑटो-सेटलमेंट सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, ताकि ईपीएफओ सदस्यों को विशेष रूप से तत्काल आवश्यकता पड़ने पर राहत देगी.

इस प्रमुख सेवा वृद्धि से लाखों ईपीएफओ मेंबर्स को लाभ मिलने की उम्मीद है. ईपीएफओ ने सदस्यों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान पहली बार एडवांस क्लेम के ऑटो-सेटलमेंट की शुरुआत की थी.

तीन दिनों में क्लेम होगा सेटल
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 के 89.52 लाख के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 2.32 करोड़ ऑटो क्लेम सेटल किए गए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेंबर की तरफ से फाइल किया गया एडवांस क्लेम, फाइलिंग के 3 दिनों के भीतर सेटल हो जाएगा.

ईपीएफओ सदस्य जल्द ही एटीएम, यूपीआई के जरिये सीधे ईपीएफ का पैसा निकाल सकेंगे
दूसरी तरफ सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ईपीएफओ के सदस्य जल्द ही एटीएम या यूपीआई जैसे अन्य तरीकों से अपने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से निकासी कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपने बैंक खातों को ईपीएफ से जोड़ना होगा.

एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि श्रम मंत्रालय एक ऐसी परियोजना पर काम कर रहा है, जिसमें ईपीएफ का एक निश्चित हिस्सा रोक लिया जाएगा और एक बड़ा हिस्सा यूपीआई या एटीएम डेबिट कार्ड जैसे विभिन्न तरीकों से निकाला जा सकेगा.

सूत्र ने यह भी कहा कि इस प्रणाली को लागू करने में कुछ सॉफ्टवेयर चुनौतियां हैं, जिन्हें हल किया जा रहा है. इस समय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को अपने ईपीएफ निकासी दावों के लिए आवेदन करना पड़ता है, जिसमें समय लगता है.

स्वत: निपटान माध्यम के तहत आवेदन पत्र दाखिल करने के तीन दिन के भीतर निकासी दावों का बिना किसी मानव हस्तक्षेप के इलेक्ट्रॉनिक रूप से निपटारा किया जाता है. इस स्वत: निपटान माध्यम की सीमा मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है. इससे बड़ी संख्या में ईपीएफओ सदस्यों को बीमारी, शिक्षा, विवाह और आवास उद्देश्यों के लिए तीन दिनों के भीतर अपने ईपीएफ पैसे का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी.

यह भी जानना जरूरी, ईपीएफओ ने अप्रैल में 19.14 लाख नए सदस्य जोड़े
बता दें कि, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी पेरोल आंकड़ों के अनुसार, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ईपीएफओ ने अप्रैल, 2025 में शुद्ध आधार पर 19.14 लाख सदस्य जोड़े. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह आंकड़ा मार्च, 2025 की तुलना में 31.31 प्रतिशत और अप्रैल, 2024 की तुलना में 1.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अप्रैल, 2025 में लगभग 8.49 लाख नए सदस्यों को नामांकित किया, जो मार्च, 2025 की तुलना में 12.49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. नए सदस्यों में यह वृद्धि रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल पहुंच कार्यक्रमों के कारण हो सकती है.

आंकड़ों के अनुसार, एक उल्लेखनीय पहलू 18-25 आयु वर्ग का प्रभुत्व है. ईपीएफओ ने अप्रैल, 2025 में 18-25 आयु वर्ग में 4.89 लाख नए ग्राहक जोड़े, जो इस दौरान जोड़े गए कुल नए ग्राहकों का 57.67 प्रतिशत है.

इस महीने में जोड़े गए 18-25 आयु वर्ग के नए ग्राहकों की संख्या पिछले महीने मार्च, 2025 की तुलना में 10.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है. अप्रैल, 2025 के लिए 18-25 आयु वर्ग के लिए शुद्ध पेरोल वृद्धि लगभग 7.58 लाख है, जो मार्च 2025 में पिछले महीने से 13.60 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है.

आंकड़ों में कहा गया कि यह पहले की प्रवृत्ति के अनुरूप है जो इंगित करता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, मुख्य रूप से पहली बार नौकरी चाहने वाले हैं. लगभग 15.77 लाख सदस्य, जो पहले बाहर निकल गए थे, अप्रैल 2025 में फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए। यह आंकड़ा मार्च 2025 की तुलना में 19.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, इस प्रकार दीर्घकालिक वित्तीय कल्याण की रक्षा की और अपनी सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा का विस्तार किया.

अप्रैल 2025 में करीब 2.45 लाख नई महिला सदस्य ईपीएफओ से जुड़ीं. यह मार्च 2025 के पिछले महीने की तुलना में 17.63 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

इसके अलावा, महीने के दौरान शुद्ध महिला पेरोल जोड़ लगभग 3.95 लाख रहा, जो मार्च 2025 की तुलना में महीने-दर-महीने 35.24 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है. महिला सदस्यों में वृद्धि अधिक समावेशी और विविध कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है.

पेरोल डेटा के राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि शीर्ष पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने शुद्ध पेरोल में लगभग 60.10 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे महीने के दौरान कुल लगभग 11.50 लाख शुद्ध पेरोल जुड़े हैं. सभी राज्यों में से, महाराष्ट्र महीने के दौरान शुद्ध पेरोल में 21.12 प्रतिशत की वृद्धि करके अग्रणी है.

महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने माह के दौरान व्यक्तिगत रूप से कुल शुद्ध वेतन में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की.

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