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पहलगाम हमले में NIA की बड़ी कार्रवाई, आतंकियों को शरण देने वाले दो गिरफ्तार, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे हमलावर


जम्मू-कश्मीर: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के दो महीने बाद, 22 जून को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की. एजेंसी ने दो स्थानीय आरोपियों परवेज अहमद जोधर और बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया, जिन पर आतंकवादियों को शरण देने, भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का आरोप है. दोनों आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि हमला करने वाले तीन आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे और वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े थे.

आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, परवेज अहमद जोधर और बशीर अहमद जोथर दोनों ही पहलगाम के स्थानीय निवासी हैं. जांच में पता चला कि दोनों ने आतंकवादियों को बैसरन मैदान में हमला करने से पहले मदद दी, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों की जानकारी भी शामिल थी. यह जानकारी आतंकवादियों को निशाना साधने और निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने में मददगार साबित हुई.

गिरफ्तारी के बाद प्रारंभिक पूछताछ
एनआईए ने गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ की. दोनों आरोपियों ने अपने किए गए अपराधों को स्वीकार करते हुए बताया कि उन्होंने तीन आतंकवादियों को हिल पार्क में एक मौसमी झोपड़ी में शरण दी थी. उन्होंने इन आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद की सहायता प्रदान की, जिससे आतंकवादी 22 अप्रैल की दोपहर में पर्यटकों को धार्मिक आधार पर चुन-चुन कर मार सके.

आरोपियों को अदालत में पेश किया गया
एनआईए ने आरोपियों को अदालत में पेश किया और उन्हें विस्तृत पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया. रिमांड अवधि में एजेंसी ने उनकी आतंकवादियों से कनेक्शन, आतंकवादियों की मदद करने वाले अन्य संभावित स्थानीय सहयोगियों की पहचान और आतंकवाद के व्यापक नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच की.

आतंकवाद के खिलाफ गहरी पड़ताल और डिजिटल जांच
पूछताछ के दौरान, एजेंसी ने आरोपियों के मोबाइल फोन, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों की बरामदगी कर उनकी विस्तृत जांच की. इन उपकरणों में संदिग्ध कॉल्स, मैसेजेस और अन्य सूचनाओं की तलाश की गई, जिससे आतंकवादी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान की जा सके. इसके अलावा, आतंकवादियों के पाकिस्तान से संपर्कों को ट्रेस करने के लिए कई सुराग मिले.

फरार आतंकवादियों की खोज जारी
हालांकि इस हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादी अभी फरार हैं, एनआईए अधिकारियों का मानना है कि स्थानीय सहयोगियों की गिरफ्तारी से आतंकवादियों का पता लगाना अब आसान होगा. एजेंसी ने स्थानीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर आतंकवादियों की खोज और उनकी धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाए हैं.

एनआईए ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत किया
गिरफ्तारी और जांच के बाद एनआईए ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है ताकि ऐसे आतंकी हमलों को भविष्य में रोका जा सके. साथ ही, एजेंसी ने आतंकवाद के खिलाफ न सिर्फ कानूनी कार्रवाई तेज की है, बल्कि आतंकवादियों के सपोर्ट नेटवर्क को खत्म करने के लिए भी कदम बढ़ाए हैं.

एनआईए ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है. कोर्ट में पेशी के बाद आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे हमले की साजिश, आतंकी संगठनों से उनके संबंध और आतंकवादियों को मदद देने के अन्य मामलों की जानकारी ली जाएगी. इसके साथ ही, पाकिस्तानी आतंकवादियों के सहयोग और सहायता का भी पता लगाया जाएगा.

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