देहरादून, नवीन उनियाल : उत्तराखंड वन विभाग में एक कुर्सी सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा विवादित है. इस कुर्सी पर पिछले साढ़े चार साल में सातवीं बार बदलाव हुआ है. इसके विवाद की शुरुआत 2021 से हुई जो लगातार बनी हुई है. इस कुर्सी में अब नया सस्पेंस धनंजय मोहन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से शुरू हुआ है. जिसका जवाब मिलना बाकी है.
सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट को लेकर चर्चा में रहने वाले समीर सिन्हा को आज प्रमुख वन संरक्षक हॉफ का अतिरिक्त चार्ज मिल गया. समीर सिन्हा साहित्य से भी जुड़े हुए हैं. पूर्व में उन्होंने “ना बोलूं सच तो कैसा आईना, जो सच बोलूं तो चकनाचूर हो जाऊं” जैसी लाइनें सोशल मीडिया पर लिखकर सबका ध्यान खींचा था. तब यह माना गया कि उनका सोशल मीडिया पर इस तरह लिखना उनकी नाराजगी थी.हालांकि, बाद में उन्होंने अपने पोस्ट को डिलीट भी कर दिया था.
उत्तराखंड वन विभाग (-ETV Bharat)
बहरहाल यहां बात भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की नाराजगी या आपसी खींचतान की नहीं है बल्कि उस कुर्सी की है जो अक्सर विवादों में रहती है. उत्तराखंड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. इस पद को विभाग के मुखिया का पद भी कहा जा सकता है, लेकिन विभाग की इस सबसे बड़ी जिम्मेदारी वाले पद पर ही कई विवाद सामने आते रहे हैं.
साढ़े चार साल में 8वें मुखिया को देख रहा विभाग: उत्तराखंड वन विभाग में पिछले साढ़े चार साल के भीतर ही 7 प्रमुख वन संरक्षक हॉफ बदल चुके हैं. विभाग में ये इस समयावधि में 8 वें हॉफ हैं. यहां 1 नवंबर 2020 को रंजना काला प्रमुख वन संरक्षक का बनी. वह 2 महीने में ही रिटायर हो गई. इसके बाद 1 जनवरी 2021 को राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक हाफ के पद पर आए. इस दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पातन और अवैध निर्माण का मामला प्रकाश में आया. बस यहीं से पूरे विभाग का ढर्रा हो बदल गया. करीब 11 महीने के कार्यकाल के बीच में ही 26 नवंबर 2021 को सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया. इसके बाद कुर्सी पर विनोद कुमार सिंघल को बैठाया गया. अभी उन्हें काम देखते हुए पांच महीने ही हुए थे कि हाईकोर्ट ने सरकार को वापस राजीव भरतरी को विभाग का मुखिया बनाने के आदेश दे दिए. इसके बाद वापस राजीव भरतरी ने प्रमुख वन संरक्षक हाफ के तौर पर 4 अप्रैल 2023 को चार्ज ले लिया. हालांकि, अभी एक महीना ही हुआ था कि फिर से विनोद कुमार को प्रमुख वन संरक्षक हाफ की जिम्मेदारी दे दी गई. विनोद कुमार 30 अप्रैल 2023 को सेवानिवृत हो गए.
वन विभाग में अब नए प्रमुख वन संरक्षक हाफ अनूप मलिक बने. जिन्होंने मजबूत पकड़ के साथ विभाग को चलाया. अनूप मलिक ने करीब 1 साल तक विभाग के मुखिया के तौर पर काम किया. 30 अप्रैल को वे सेवानिवृत हो गए. इसके बाद 1 मई 2024 को धनंजय मोहन प्रमुख वन संरक्षक हॉफ बनाए गए. जिनका कार्यकाल 31 अगस्त तक था, मगर अपनी सेवा निवृत्ति से करीब 2 महीने पहले ही अचानक प्रमुख वन संरक्षक हाफ ने वीआरएस ले लिया.
सस्पेंस छोड़कर चले गए धनंजय मोहन : प्रमुख वन संरक्षक हाफ रहे धनंजय मोहन ने अपनी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के पीछे पारिवारिक कारण बताया है, लेकिन जानकार मानते हैं कि विभाग में रहते हुए उन पर किसी दबाव के कारण उनके द्वारा ऐसा किया गया. हालांकि ईटीवी भारत ने जब उनसे बातचीत की तो उन्होंने खुलकर इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. शासन को लिखकर दिए गए पत्र का ही उन्होंने हवाला दिया.
नए मुखिया समीर सिन्हा के पास करीब 5 महीने का वक्त: उत्तराखंड वन विभाग के नए मुखिया समीर सिन्हा को भी अभी काम करने का कम ही वक्त मिल पाएगा. दरअसल समीर सिन्हा 30 नवंबर को सेवानिवृत्ति होंगे. लिहाजा, उन्हें इस पद पर करीब 5 महीने का ही वक्त मिलेगा. समीर सिन्हा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उनकी कई कामों को लेकर प्राथमिकताएं हैं. वह सभी के साथ मिलकर इन कामों को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा उन्हें वन विभाग में एक अच्छी टीम मिली है. जिसके साथ वह बेहतर कार्य करने का प्रयास करेंगे.
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