देहरादून (धीरज सजवाण): अपने धार्मिक स्थलों, पवित्र नदियों और पर्वतों के चलते उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां साल भर विभिन्न धार्मिक यात्राएं होती हैं, जिनमें देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. चारधाम यात्रा हर साल 6 महीने के लिए आयोजित होती है. इसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. इसी तरह नैनीताल जिले में स्थित बाबा नीम करोली के कैंची धाम में साल भर श्रद्धालु पहुंचते हैं. अब चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने श्रद्धालुओं की घटती-बढ़ती संख्या को लेकर सवाल खड़ा किया है.
तीर्थ पुरोहित महापंचायत का दावा: चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती ने चारधाम यात्रा में लगातार घट रही यात्रियों की संख्या और बहुत तेज गति से बढ़ रहे कैंची धाम में यात्रियों की संख्या के आंकड़ों की तुलना की है. इसका निष्कर्ष निकालते हुए उन्होंने इसके पीछे चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए सरकार द्वारा कम व्यवस्था करने को वजह बताया है.
चारधाम यात्रा पर भारी कैंची धाम यात्रा. (ETV Bharat)
चारधाम में घटे, कैंची धाम में बढ़ रहे भक्त: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में लगातार आ रही गिरावट को लेकर उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने एक बड़ा दावा किया है. चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत का कहना है कि चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाएं, पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और लगातार यात्रियों को आ रही समस्याओं के चलते चारधाम में यात्रियों की संख्या स्पष्ट रूप से घट रही है. वहीं दूसरी तरफ कैंची धाम में सरकार द्वारा लगातार की जा रही व्यवस्थाएं और प्रचार-प्रसार के बाद कैंची धाम में 300 फ़ीसदी यात्रियों में इजाफा हुआ है. चारधाम तीर्थ पुरोहित महासंघ ने इसे सौतेला व्यवहार बताया है.
महासचिव डॉ बृजेश सती की रिसर्च चारधाम: में यात्रियों की 16% गिरावट, कैची धाम में 300% बढ़ोत्तरी: चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती जो एक रिसर्चर भी हैं, ने बताया कि चारधाम में यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष 46 लाख 20 हजार थी. 2023 में ये संख्या 54 लाख 42 हजार रही थी. इस हिसाब से 2024 में 8 लाख 21 हजार यात्री धामों में कम हुए. यह 16 प्रतिशत की गिरावट है.
यात्रियों का आंकड़ा (ETV Bharat Graphics)
इसी दौरान कैंची धाम में एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच 24 लाख यात्रियों ने दर्शन किए. कैंची धाम में 2023 में कुल 8 लाख यात्री आए थे. इसमें तीन सौ प्रतिशत का उछाल आया. डॉ बृजेश सती का कहना है कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में यात्रा केवल छह महीने संचालित की जाती है. यदि प्रतिदिन के हिसाब से यात्रियों की संख्या पर गौर करें, तो कैंची धाम में चारधाम से अधिक यात्री पहुंचे.
चारधाम और कैंची धाम प्रतिदिन पहुंचे श्रद्धालुओं का आंकड़ा: डॉ सती के अनुसार चारधाम में प्रति दिन 6,416 यात्रियों ने दर्शन किए. वहीं कैंची धाम में एक दिन आंकड़ा 6,666 है. इसी तरह एक महीने में चारों धामों में यात्रियों की कुल संख्या औसतन 7 लाख 70 हजार थी. कैंची धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 2 लाख प्रति माह है. इसमें केदारनाथ धाम में सबसे अधिक यात्री आते हैं. इसके बाद बदरीनाथ धाम में, फिर गंगोत्री और सबसे कम यमुनोत्री में यात्री आए. श्रद्धालुओं के आने की संख्या औसतन 2 लाख केदारनाथ, डेढ़ लाख बदरीनाथ , गंगोत्री और यमुनोत्री एक एक लाख से कुछ अधिक माना जा सकता है. चारों धामों में प्रतिदिन यात्रियों के दर्शन का औसत यमुनोत्री धाम में 3,970, गंगोत्री धाम में 4,545, केदारनाथ में 9,177 और बदरीनाथ धाम में 7,974 श्रद्धालुओं ने प्रतिदिन दर्शन किए.
चारधाम यात्रा में एक ही यात्री को चार बार गिने जाने का दावा: डॉ सती के अनुसार चारधाम आने वाले यात्रियों की असल संख्या और सरकारी आंकड़े में अंतर है. दरअसल एक ही यात्री को चार बार गिना जाता है. इससे यह संख्या अधिक हो जाती है. केदारनाथ धाम में आए यात्रियों की संख्या में कुछ अधिक यात्रियों को जोड़ दिया जाए, तो यही आंकड़ा चारधाम आने वाले यात्रियों का बैठता है. क्योंकि चारों धामों में सर्वाधिक यात्री केदारनाथ धाम पहुंचते हैं. 40 से 45 प्रतिशत यात्री ऐसे हैं, जो चारधाम यात्रा करते हैं. दो धाम और केवल एक ही धाम की यात्रा करने वाले यात्री भी हैं.
चारधाम पहुंचे यात्रियों का प्रतिशत: पिछले साल 15 प्रतिशत यात्री यमुनोत्री, 17 प्रतिशित गंगोत्री धाम, 32 प्रतिशत बदरीनाथ धाम गए. जबकि सबसे अधिक 36 प्रतिशत यात्रियों ने केदारनाथ मंदिर में दर्शन किए. चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव बृजेश सती का कहना है कि चारधाम आने वाले यात्रियों की असल संख्या जो दी जाती है, उससे कई कम यात्री धामों में आते हैं. उनका कहना है कि दरअसल एक ही यात्री को चार बार गिना जाता है. इससे यह संख्या अधिक हो जाती है.

कैंची धाम में बढ़े श्रद्धालु (ETV Bharat Graphics)
चारधाम से किसी दूसरे जगह की तुलना करना गलत: वहीं इस मामले पर बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी का कहना है कि चारधाम में लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. सरकार द्वारा लगातार चारधाम यात्रा में यात्रियों के लिए सर्वोत्तम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा से किसी दूसरे धाम की तुलना करना बेहद नाइंसाफी है. क्योंकि चारधाम का भौगोलिक परिक्षेत्र और यहां की परिस्थितियां विपरीत हैं.
हेमंत द्विवेदी ने कहा कि बात कैंची धाम की हो, या फिर देश में किसी भी अन्य धाम की, सभी जगह पर यात्राएं सुचारू रहती हैं. बहुत कम ऐसा होता है कि यात्रा में व्यवधान होता है. लेकिन चारधाम एक ऐसी यात्रा है, जहां पर मौसम की मार प्राकृतिक आपदाएं एक बड़ी चुनौती रहती है. बेहद सीमित समय में बहुत ज्यादा यात्री इन धामों में आते हैं. सरकार द्वारा लगातार यात्रियों को सुगम और सुरक्षित दर्शन के लिए सरकार प्रयासरत है.
वहीं चारधाम महा पंचायत द्वारा रजिस्ट्रेशन पर उठाया जा रहे सवालों को लेकर बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी का कहना है कि चारों धामों में आने वाली यात्रियों का रजिस्ट्रेशन करना बेहद जरूरी है, ताकि यहां आने वाली यात्रियों की जानकारी सरकार के पास रह सके. किसी भी विपरीत परिस्थिति में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है.
कांग्रेस ने भी कहा चारधाम यात्रा में अव्यवस्था है: वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने भी चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत का समर्थन किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि निश्चित तौर से चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाएं फैली पड़ी हैं. यही वजह है कि लगातार यहां यात्री कम होते जा रहे हैं. करन मेहरा का कहना है कि यह अपने आप में एक बेहद अफसोस का विषय है कि उत्तराखंड सरकार यात्रियों के लिए सही व्यवस्था नहीं कर पाती है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कैंची धाम में ट्रैफिक की वजह से लगातार भीड़ बढ़ती जाती है. जाम की स्थिति रहती है. वहीं बदरीनाथ, केदारनाथ धाम में भी सरकार की कमी पूरी तरह से नजर आती है. उन्होंने कहा कि चारधाम में उनके द्वारा किए गए पैदल भ्रमण में भी उन्होंने इस बात को पाया है कि इस बार यात्रियों की संख्या घटी है, जो कि सरकार की खराब व्यवस्था का प्रमाण है.
चारधाम से नजदीक है कैंची धाम: दरअसल चारधाम और कैंची धाम में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संख्या उनकी दूरी पर भी निर्भर करती है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से यमुनोत्री की दूरी 400 किलोमीटर से ज्यादा है. दिल्ली से गंगोत्री की दूरी करीब 525 किलोमीटर है. दिल्ली से केदारनाथ की दूरी करीब 450 किलोमीटर है. दिल्ली से बदरीनाथ धाम की दूरी करीब 543 किलोमीटर है. इसके विपरीत दिल्ली से कैंची धाम की दूरी करीब 340 किलोमीटर ही है. चारधाम का रास्ता पहाड़ के दुर्गम स्थानों से है. वहीं कैंची धाम जाने के लिए सिर्फ 40 किलोमीटर ही पहाड़ी रास्ते पर चलना पड़ता है. यही कारण है कि मैदानी इलाकों और एनसीआर में रहने वाले ज्यादातर श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचते हैं. इस कारण कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है.
ये है कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का कारण: चारधाम एक तो पहाड़ पर लंबी दूरी तय करके पहुंचा जाता है. दूसरा ये सनानत धर्म के पौराणिक मंदिर हैं. चारधाम आने के लिए ज्यादा दिन का समय चाहिए. इसके साथ ही अब रजिस्ट्रेशन की शर्त भी लोगों को कठिन लगती है. युवा पीढ़ी जब कैंची धाम वाले नीम करोली बाबा की कृपा से एप्पल के स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्ग जुकरबर्ग जैसे सफल उद्यमियों और जूलिया रॉबर्ट्स जैसी नामचीन हॉलीवुड अभिनेत्री की सफलता की कहानी पढ़ती और सुनती है तो उनके कदम अनायास ही कैंची धाम की ओर खिंचे चले जाते हैं. यही कारण है कि कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है.
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