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जाति जनगणना का कंसेप्ट लोगों तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने उठाया बड़ा कदम, OBC नेताओं का पैनल गठित


नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देशभर में जाति जनगणना का अपना कंसेप्ट को लोगों तक पहुंचाने के लिए देशभर से 24 वरिष्ठ ओबीसी नेताओं का एक समूह गठित करने की योजना बनाई है. दरअसल, कांग्रेस को 2027 में इस प्रक्रिया को कराने के केंद्र के कदम पर संदेह है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार 24 ओबीसी नेताओं के समूह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एम वीरप्पा मोइली और भूपेश बघेल, सीडब्ल्यूसी सदस्य बीके हरि प्रसाद और सचिन पायलट, तेलंगाना यूनिट प्रमुख महेश गौड़, तेलंगाना के मंत्री पूनम प्रभाकर, गुजरात में विपक्ष के नेता अमित चावड़ा और एआईसीसी पदाधिकारी अजय कुमार लल्लू और जितेंद्र बघेल शामिल होंगे.

यह पैनल ओबीसी से जुड़े मुद्दों का खाका तैयार करेगा और योजनाबद्ध तरीके से देशभर में कार्यक्रम आयोजित करेगा, क्योंकि पार्टी के ओबीसी विभाग द्वारा किए गए इसी तरह के प्रयास लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाते हैं.

राहुल लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने हाल ही में 2027 के लिए इसे अधिसूचित करके जवाब दिया. इसके अलावा सरकार की अधिसूचना में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि 2027 में होने वाली नियमित जनगणना में जाति जनगणना शामिल होगी या नहीं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इससे कांग्रेस नेताओं के मन में संदेह पैदा हो गया, जिन्होंने उक्त अधिसूचना का सावधानी से स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी जुलाई में मानसून सत्र के दौरान संसद के अंदर और सड़कों पर इस मुद्दे के लिए लड़ेगी.

बता दें कि वरिष्ठ समुदाय के नेताओं का पैनल बनाने का उद्देश्य योजना को और अधिक केंद्रित रूप से लागू करना है.जानकारी के मुताबिक AICC के OBC विभाग के प्रमुख अनिल जयहिंद सलाहकार पैनल के संयोजक होंगे, जिसकी पहली बैठक जल्द ही होने की उम्मीद है.

गुजरात में विपक्ष नेता अमित चावड़ा ने ईटीवी भारत से कहा, “केंद्र सरकार ने बिहार में मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए जाति जनगणना की घोषणा की है. 2027 में किए जाने वाले इस अभ्यास का कोई विवरण उपलब्ध नहीं है. इसे पहले भी शुरू किया जा सकता था. उस समय तक उत्तर प्रदेश में भी राज्य चुनाव खत्म हो जाएंगे और जब तक सर्वे पूरा होगा तब तक 2029 के राष्ट्रीय चुनाव नजदीक आ जाएंगे.”

उन्होंने कहा, “आने वाले महीनों और वर्षों में ओबीसी राजनीति एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा और सबसे पुरानी पार्टी को सबसे आगे रहना चाहिए. हम जाति जनगणना की मांग करने वाले पहले व्यक्ति थे ताकि कल्याणकारी नीतियों को उसी के अनुसार तैयार किया जा सके. लगभग हर राज्य में ओबीसी की आबादी सबसे ज्यादा है. इसलिए, एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद इस मुद्दे को अधिक प्रभावी ढंग से पेश करने में सक्षम होगी.”

हरियाणा के प्रभारी AICC सचिव जितेंद्र बघेल के अनुसार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ओबीसी उम्मीदवार नाकाम हो रहे थे, क्योंकि उन्हें उपयुक्त नहीं पाए जाने के आधार पर खारिज कर दिया गया था. बघेल ने ईटीवी भारत से कहा, “कांग्रेस विभिन्न मंचों पर ओबीसी की चिंताओं को उठाती रही है और इसे और अधिक संगठित तरीके से करने की योजना बना रही है. केंद्र की जाति जनगणना का कदम हमारे अभियान को कमजोर करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि भगवा पार्टी इससे चिंतित है.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के लगातार दबाव के बाद मोदी सरकार ने 30 अप्रैल को जाति जनगणना की घोषणा की. जाति जनगणना देश के एससी, एसटी और ओबीसी को सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करने की दिशा में राहुल गांधी का मिशन है.हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें उनका हक मिले.”

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