हैदराबाद: फोन टैपिंग मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सनसनीखेज खुलासा किया है. एसआईटी ने पाया है कि 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान 600 से अधिक फोन अवैध रूप से टैप किए गए थे, जिनमें से कई भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सहित विपक्षी दल के राजनीतिक नेताओं के थे. एसआईटी के निष्कर्षों से पता चलता है कि निगरानी अभियान व्यापक और राजनीति से प्रेरित था.
दूसरी तरफ तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने सोमवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बीआरएस सरकार द्वारा फोन टैपिंग ने कांग्रेस पार्टी की पिछली हार में अहम भूमिका निभाई थी. फोन टैपिंग मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष गवाह के तौर पर पेश होने के बाद उन्होंने ये टिप्पणियां कीं.
2023 के चुनावों के दौरान विपक्ष ही नहीं, बीआरएस नेता भी रडार पर: एसआईटी
जांचकर्ताओं के अनुसार, ज्यादातर फोन टैपिंग चुनाव से पहले के दो महीनों में हुई. कथित तौर पर निगरानी में आने वालों में सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के राजनीतिक नेता, पत्रकार और फिल्मी हस्तियां शामिल थीं.
एसआईटी पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) प्रमुख टी प्रभाकर राव से फिर से पूछताछ करने वाली है. उम्मीद है कि मामले में चार मुख्य आरोपियों के साथ उनका आमना-सामना कराया जाएगा. पूछताछ में संभवाना है कि, उन व्यक्तियों के नाम शामिल होंगे जिनके फोन कथित तौर पर टैप किए गए थे. उल्लेखनीय रूप से, चार अधिकारियों ने पहले ही प्रभाकर राव को दैनिक ब्रीफिंग की निगरानी करने वाले व्यक्ति के रूप में नामित किया है, जो कथित तौर पर प्रत्येक सुबह दो घंटे तक चलती थी.
एसआईटी ‘पोल-2023’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप की भी जांच कर रही है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसका इस्तेमाल अवैध संचालन के दौरान समन्वय के लिए किया गया था. जांच के दायरे में आने वाले मामलों में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के करीबी सहयोगी गली अनिल और विनय रेड्डी के फोन की निगरानी की रिपोर्ट शामिल है. जांचकर्ताओं ने यह भी जानकारी जुटाई है कि निगरानी का इस्तेमाल न केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था, बल्कि वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करने के लिए भी किया गया था.
कथित तौर पर टैप की गई बातचीत में विपक्षी नेताओं के पैसे की आवाजाही के बारे में जानकारी मिली, जिसके कारण पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी से जुड़ी कंपनियों की संपत्ति जब्त कर ली गई. इस बीच, कई पीड़ित औपचारिक बयान देने के लिए जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन जा रहे हैं. एसआईटी निगरानी अभियान के पीछे की पूरी सीमा और मंशा को स्थापित करने के लिए सबूत इकट्ठा करना जारी रखे हुए है.
कांग्रेस नेता महेश कुमार (ETV Bharat)
टीपीसीसी प्रमुख महेश कुमार ने कहा, फोन टैपिंग के कारण अतीत में कांग्रेस की हार हुई
दूसरी तरफ टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने सोमवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बीआरएस सरकार द्वारा फोन टैपिंग ने कांग्रेस पार्टी की पिछली हार में अहम भूमिका निभाई थी. फोन टैपिंग मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष गवाह के तौर पर पेश होने के बाद उन्होंने ये टिप्पणियां कीं.
सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए महेश कुमार ने कहा कि, टेलीग्राफ एक्ट का उल्लंघन कर हमारे फोन टैप किए गए. उन्होंने कहा कि, राजनीतिक नेताओं के फोन टैप करना शर्मनाक और खतरनाक कृत्य है. उन्होंने कहा कि, केसीआर और केटीआर को इसके लिए शर्म से सिर झुकाना चाहिए.
महेश कुमार ने कहा कि, केसीआर और केटीआर ने भारतीय नेताओं को दबाने और राजनीति में अपना एकाधिकार सुनिश्चित करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया. उन्होंने कहा कि उनके और रेवंत रेड्डी दोनों के फोन पर अवैध रूप से निगरानी की गई. उन्होंने आगे कहा कि, उनकी गतिविधियों पर नियमित रूप से नजर रखी जाती थी. उन्होंने पहले भी शिकायत की थी और अब तथ्य सामने आ रहे हैं.
महेश कुमार ने कहा कि, 2022 से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया गया. एसआईटी ने खुलासा किया है कि करीब 650 कांग्रेस नेता टैपिंग सूची में थे. महेश कुमार ने अन्य नेताओं का भी नाम लेते हुए कहा, “कुंभ अनिल कुमार यादव, गली अनिल और कई अन्य लोगों के फोन भी टैप किए गए. इससे पता चलता है कि सत्ता का किस हद तक दुरुपयोग किया गया.
उन्होंने कहा कि, जिन अधिकारियों को लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए था, वे राजनीतिक दबाव में झुक गए. उन्होंने कहा कि, उनकी निजता के मौलिक अधिकार का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया.
साथ ही उन्होंने सेवानिवृत्त प्रभाकर राव को खुफिया प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि, भारत के इतिहास में ऐसी कोई नियुक्ति नहीं हुई है. उन्होंने टैपिंग को सही ठहराने के लिए हमें नक्सली समर्थक करार देने की भी कोशिश की. उन्होंने कहा कि, केटीआर को शर्म आनी चाहिए.
अपनी टिप्पणी के अंत में उन्होंने इसमें शामिल सभी लोगों के लिए सख्त सजा की मांग की. उन्होंने कहा कि, उन्होंने (केसीआर और केटीआर) राजनीतिक लाभ के लिए हमारे फोन टैप किए. ऐसी हरकतें दोबारा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, इसके लि जिम्मेदार राजनेताओं और अधिकारियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, वे मौजूदा सरकार से निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं.
प्रभाकर राव एसआईटी के सामने पेश हुए
वहीं, सनसनीखेज फोन टैपिंग मामले में मुख्य आरोपी और विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) प्रभाकर राव एक बार फिर पूछताछ के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश हुए. जांच दल के समक्ष यह उनकी चौथी पेशी है.
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने इस बार प्रभाकर राव से और अधिक गहराई से पूछताछ करने का फैसला किया है. अवैध फोन टैपिंग के करीब 600 पीड़ितों की सूची पहले ही तैयार कर ली गई है. एसआईटी अब उन व्यक्तियों पर निगरानी के प्रभाव को समझने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
अधिकारियों से कथित अवैध निगरानी के कारण पीड़ितों को होने वाले उत्पीड़न और चुनौतियों के बारे में प्रभाकर राव की प्रतिक्रिया दर्ज करने की उम्मीद है. आगे की पूछताछ से निगरानी की सीमा और इसमें शामिल अधिकारियों या राजनीतिक नेताओं के बारे में पता चलने की संभावना है.
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