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उत्तर से दक्षिण की तरफ खिसक रहा हिमालय, उत्तराखंड में भूकंप को लेकर भी हुआ बड़ा दावा


देहरादून, रोहित सोनी: उत्तराखंड समेत देश का पूरा हिमालय बेल्ट भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है. वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयन बेल्ट खासकर उत्तराखंड में पिछले 500 से 600 सालों के भीतर कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. ऐसे में किसी बड़े भूकंप के आने की संभावना बनी हुई है. यह भूकंप कब कहां और कितने मेग्नीट्यूड का आएगा यह कहना संभव नहीं है, लेकिन फिर भी वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार अध्ययन कर रहे हैं.देहरादून पहुंचे नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के एमेरिटस वैज्ञानिक डॉ एम रवि कुमार ने अपने नए अध्ययन पर ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

देहरादून में अंडरस्टैंडिंग हिमालयन अर्थक्वेक्स’ कार्यशाला: देहरादून वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी में ‘अंडरस्टैंडिंग हिमालयन अर्थक्वेक्स’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में देश के तमाम संस्थाओं के वैज्ञानिक शामिल हुए. सभी ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट को कार्यशाला में प्रस्तुत भी किया.

डॉ एम रवि कुमार, एमेरिटस वैज्ञानिक (ETV BHARAT)

दक्षिण की तरफ खिसक रहा हिमालय: कार्यशाला के दौरान, वाडिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डा. विनीत गहलोत में कहा तमाम जगहों पर लगाए गए जीपीएस (Global Positioning System) से पता चला है कि हिमालय उत्तर से दक्षिण की तरफ खिसक रहा है. जिसकी गति 40 मिलीमीटर प्रति साल है, लेकिन कुमाऊं के टनकपुर से राजधानी देहरादून के बीच यह गति सालाना करीब 18 एमएम है. साथ ही कुछ जगहों पर खिसकने की गति करीब 14 एमएम ही पाई गई है. यही एक तरह से इस पूरे क्षेत्र में धरती सिकुड़न (contraction) की स्थिति में है.

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND

क्यों आता है भूकंप (ETV BHARAT)

उत्तराखंड में भूकंप को लेकर स्टडी: ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए एनजीआरआई (National Geophysical Research Institute) के एमेरिटस वैज्ञानिक (Emeritus Scientist) डॉ एम रवि कुमार ने कहा भूकंप कब आएगा इसकी जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन हैदराबाद स्थित नेशनल ज्योग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, उत्तराखंड को लेकर एक अध्ययन कर रहा है. जिसके तहत ये पता लगाया जा रहा है कि उत्तराखंड में अगर कोई भूकंप आता है तो वो कितने मेग्नीट्यूड का हो सकता है?

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हिमालयन क्षेत्र में आये बड़े भूकंप (ETV BHARAT)

गढ़वाल-कुमाऊं में अलग अलग भूकंप का मेग्नीट्यूड: उत्तराखंड पर एनजीआरआई की ओर से किए जा रहे अध्ययन के शुरुआती दौर में ये पता चला है कि भूकंप के लिहाज से गढ़वाल और कुमाऊं अलग-अलग सेगमेंट में आते हैं. यानी गढ़वाल और कुमाऊं में भूकंप का मेग्नीट्यूड अलग-अलग हो सकता है. भूकंप के लिहाज से गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही संवेदनशील हैं. ऐसी भी संभावना जताई जा रही है की गढ़वाल या फिर कुमाऊं किसी भी क्षेत्र में अधिक मेग्नीट्यूड का भूकंप आ सकता हैं. यानी गढ़वाल और कुमाऊं में सीस्मिक गैप है, लिहाजा यहां पर भविष्य में भूकंप आने की संभावना बनी हुई है. यहां पर भूकंप कब आएगा, इसका अनुमान लगाना संभव नहीं है.

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2000 के बाद आये बड़े भूकंप (ETV BHARAT)

उत्तराखंड रीजन में आएगा बड़ा भूकंप: वर्तमान समय में गढ़वाल क्षेत्र और कुमाऊं क्षेत्र में हो रहे प्लेट्स के कन्वर्जन की स्थिति क्या है उसके आधार पर भूकंप के मेग्नीट्यूड का अंदाजा लगाया जा सकता है. उत्तराखंड के मैन हिमालयन ट्रस्ट में बड़ा भूकंप आने की संभावना है. ऐसे में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र की सतह से करीब 18 किलोमीटर नीचे मैन हिमालयन ट्रस्ट होता है, जहां पर भूकंप आ सकता है. इस क्षेत्र में एनर्जी एकत्र तो हुई है लेकिन अभी वो लॉक्ड स्थिति में है. ये एनर्जी कब रिलीज होगी ये बताना बहुत मुश्किल है. ये तय है कि उत्तराखंड रीजन में कोई बड़ा भूकंप आता है तो वो मेन हिमालय ट्रस्ट में आएगा.

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हिमालयन क्षेत्र में भूकंप की आशंका (ETV BHARAT)

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड: उत्तराखंड में कितना बड़ा भूकंप आ सकता है? इसे वैज्ञानिक कैलकुलेट करके बता सकते हैं, लेकिन बड़ा भूकंप कब आएगा इसका पता लगा पाना बहुत मुश्किल है. वर्तमान समय में भूकंप का उतना डाटा मौजूद नहीं है जिसका अध्ययन करके भविष्य में आने वाले बड़े भूकंप का पता लगाया जा सके. उन्होंने बताया पूरा उत्तराखंड ही भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है. ऐसे में यह कहना बहुत मुश्किल है कि किस क्षेत्र में भूकंप आ सकता है.

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प्लेट घर्षण से एनर्जी (ETV BHARAT)

उत्तराखंड के किस क्षेत्र में सबसे अधिक एनर्जी एकत्र हो रही है उसकी जानकारी जीपीएस के जरिए जुटाई जा सकती है. प्रदेश में दो जीपीएस लगे हुए है, लेकिन सटीक जानकारी के लिए जीपीएस की संख्या के साथ ही और अधिक इंस्ट्रूमेंट्स लगाने की जरूरत है. जीपीएस की संख्या बढ़ने से यह जानकारी भी मिल जाएगी की किस क्षेत्र में प्लेट्स का कन्वर्जन अधिक हो रहा है. उत्तराखंड के साथ ही देश में मौजूद पूरा हिमालयन बेल्ट ही भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है.

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भूकंप (ETV BHARAT)

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