मुंबई: गौतम अडाणी भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. अब अडाणी भी आईपीओ की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. ब्लूमबर्ग की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार अडाणी समूह 2027 तक अपनी एयरपोर्ट यूनिट के लिए आईपीओ की योजना बना रहा है. यह एक विकास रणनीति का एक हिस्सा है, जिसमें आने वाले वर्षों में अलग-अलग बिजनेस में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करना शामिल है.
अडाणी एयरपोर्ट्स का डिमर्जर संभव?
भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की एयरपोर्ट ऑपरेटर अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स का डिमर्जर और लिस्टिंग मार्च 2027 तक होने की उम्मीद है. अडाणी समूह के अधिकारियों ने ब्लूमबर्ग को बताया है.
अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स का स्वामित्व फिलहाल अडाणी एंटरप्राइजेज के पास है और यह आठ भारतीय हवाई अड्डों का संचालन करती है. कुछ महीनों में कंपनी मुंबई के बाहरी इलाके में एक नया टर्मिनल खोलेगी.
अडाणी समूह के कैपिटल खर्च में तेजी
इसके अलावा अडाणी समूह ने पूंजीगत खर्च की गति को तेज कर दिया है और अगले पांच से छह वर्षों में 100 बिलियन डॉलर खर्च करने का इरादा रखता है, जबकि पहले इसे एक दशक में खर्च करने की योजना थी. पूंजीगत खर्च का यूज ऊर्जा, रसद और बुनियादी ढांचा बिजनेस को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. तेज निवेश और लिस्टिंग योजना से संकेत मिलता है कि समूह पैसे जुटाने और तेजी से विस्तार के चरण में लौट रहा है .