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शिलांग के इस वॉटरफॉल की क्यों हो रही है चर्चा, जानिए भारत के 6 खतरनाक और खूबसूरत झरनों के बारे में…


देश में हजारों झरने हैं जो अपनी खूबसूरती और आकर्षण के लिए चर्चा में रहते हैं, लेकिन मेघालय का वेई सॉडोंग फॉल्स इन दिनों किसी और वजह से चर्चा में है. दरअसल, जब से ईस्ट प्रेसिडेंट हिल्स में स्थित वेई सॉडोंग फॉल्स के पास राजा रघुवंशी का शव मिला है, तब से इस वॉटरफॉल की चर्चा हो रही है. ऐसे में खबर के माध्यम से जानें कि भारत में कौन-कौन से वॉटरफॉल कितने और किस लिए फेमस है.

यह झरना सबसे ऊंचे और खूबसूरत झरनों की लिस्ट में शामिल है

कुंचिकल वॉटरफॉल
कुंचिकल वॉटरफॉल कर्नाटक में स्थित एक अनोखा प्राकृतिक आश्चर्य है. भारत का सबसे ऊंचा वॉटरफॉल होने के बावजूद, बहुत से लोग इसकी सुंदरता से अवगत नहीं हैं और यह अभी भी पश्चिमी घाट में एक छुपा हुआ रत्न है. कर्नाटक में स्थित कुंचिकल जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. 1493 फीट की ऊंचाई से गिरता यह वॉटरफॉल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण है. ये खूबसूरत झरने कर्नाटक के शिमोगा जिले के मस्तीकट्टे गांव के पास पश्चिमी घाट में स्थित हैं. यह जलप्रपात पश्चिमी घाट से निकलने वाली वरही नदी द्वारा निर्मित है. यह घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होकर नीचे गिरता है. सुदूर स्थित होने के कारण, वॉटरफॉल अभी भी Commercialization से अछूता है. झरनों ने इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद की है.

बरेहीपानी वॉटरफॉल
बरेहीपानी झरना कुंचिकल झरने के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है. बरेहीपानी झरने की कुल ऊंचाई 399 मीटर (1309 फीट) है. यह ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित है. बरेहिपानी झरना दो आश्चर्यजनक स्तरों में गिरता है और एक सुंदर दृश्य प्रदान करता है, जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बनाता है. यह झरना ओडिशा के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है, और बुधबलंगा नदी के किनारे है.

नोहशंगथियांग फॉल्स
नोहशंगथियांग फॉल्स मेघालय के मध्य में स्थित एक खूबसूरत झरना है. इसे सेवन सिस्टर्स वाटरफॉल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें सात धाराएं एक साथ गिरती हैं. यह जगह हरे-भरे जंगलों और मनमोहक दृश्यों से भरी हुई है. नोहशंगथियांग फॉल्स मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में मावसमाई गांव के पास स्थित है. यह शानदार झरना इस क्षेत्र के पर्यटक आकर्षणों का एक अभिन्न अंग है और मेघालय आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इसे अवश्य देखना चाहिए. झरने को देखने का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान होता है, यानी जून से सितंबर के बीच का समय जब पानी का प्रवाह अपने चरम पर होता है और एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर सकता है. इस झरने की ऊंचाई लगभग 315 मीटर है जो नोहशंगथियांग फॉल्स को भारत के बेहतरीन झरनों में से एक बनाती है. पिघलने वाली बर्फ से बहुत सारा पानी मिलने के कारण झरने का पानी मानसून के मौसम में और भी शानदार हो जाता है.

नोहकलिकाई वॉटरफॉल
नोहकलिकाई दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा झरना है. यह झरना 340 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और प्रकृति का अद्भुत नजारा पेश करता है. यह झरना मेघालय में चेरापूंजी के पास पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित है. यह झरना देश के सबसे खूबसूरत और भव्य झरनों में से एक है. यह झरना देखने में बेहद आकर्षक है जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस खूबसूरत झरने को मेघालय का गौरव भी कहा जाता है. एक विशाल चट्टान से जमीन पर गिरता यह झरना बेहद अद्भुत लगता है और इसकी खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह लेती है.

किनरेम वॉटरफॉल
किनरेम झरना भारत के मेघालय राज्य में चेरापूंजी (सोहरा) के पास पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित एक यूनिक वॉटरफॉल है. इसे भारत का सातवां सबसे ऊंचा वॉटरफॉल माना जाता है. यह झरना लगभग 305 मीटर (1,001 फीट) की ऊंचाई से तीन स्तरों में गिरता है. किनरेम फॉल्स शिलांग से लगभग 40 किमी दूर है और लगभग 70 मीटर की ऊंचाई से गिरता है. आप इन झरनों की खूबसूरती का आनंद लेते हुए आसपास की पहाड़ियों के शानदार नजारों का आनंद ले सकते हैं. चारों तरफ से हरे-भरे जंगलों से घिरे हुए इस वॉटरफॉल को देखना बेहद खूबसूरत लगता है. बता दें, किनरेम फॉल्स मिंटडू नदी पर स्थित है जो नोकरेक बायोस्फीयर रिजर्व से निकलती है और उमियम झील में गिरती है जिसे बारा पानी के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है बड़ा पानी.

दूधसागर वॉटरफॉल
दूधसागर वॉटरफॉल जिसे दूध का सागर भी कहा जाता है, भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है जो लगभग 310 मीटर ऊंचा और 30 मीटर चौड़ा है. यह गोवा राज्य में मंडोवी नदी पर स्थित है. आप इन झरनों तक सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं क्योंकि ये पंजिम शहर से 60 किमी दूर हैं. मडगांव-बेलगाम रेलवे मार्ग पर स्थित होने के कारण यह मडगांव से 46 किमी पूर्व और बेलगाम से 80 किमी दक्षिण में है. दूधसागर जलप्रपात भगवान महावीर अभयारण्य और मोलेम राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है जो पश्चिमी घाट के मध्य में है. कर्नाटक और गोवा के बीच ये झरने सीमा बनाते हैं जो इस क्षेत्र को बायोडायवर्सिटी से समृद्ध बनाता है. मानसून के मौसम में इन झरनों से पानी का एक विशाल बल बनता है.

दरअसल, राजा और सोनम ने 11 मई को शादी की और फिर मेघालय में अपने हनीमून के लिए रवाना हो गए. 23 मई को, नोंगरियाट गांव में एक होमस्टे से चेकआउट करने के बाद दोनों लापता हो गए. शुरू में, यह एक लापता जोड़े का मामला लग रहा था, लेकिन 2 जून को, राजा का शव एक घाटी में पाया गया और कहानी ने एक भयावह मोड़ ले लिया. बाद में सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सामने आई और आत्मसमर्पण कर दिया.

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