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Axiom-4 Mission को स्थगित कराने में इसरो ने निभाई अहम भूमिका, जानें अब अंतरिक्ष में जाएंगे शुभांशु शुक्ला


हैदराबाद: भारत की स्पेस एजेंसी इसरो और अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा मिलकर एक मिशन पर काम कर रहे हैं, जिसका नाम Axiom-4 है. इस मिशन को 11 जून 2025 की शाम भारतीय समयानुसार 5:30 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन स्पेसएक्स के रॉकेट Falcon 9 में हुई कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम के बाद इस मिशन की लॉन्च डेट को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है. आपको बता दें कि इससे भी इस मिशन की लॉन्च डेट को 4 बार स्थगित किया गया था. आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार Axiom-4 मिशन को क्यों स्थगित किया गया है.

क्यों स्थगित हुआ मिशन?

अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी ने स्पेसएक्स ने एक्स (पुराना नाम ट्विटर) पर एक पोस्ट करके जानकारी दी कि, Falcon 9 के LOx लीक को ठीक करने के लिए एक्स्ट्रा टाइम की जरूरत है. हमें इस समस्या का पता सोमवार को स्टैटिक फायर टेस्ट के बाद चला. स्पेसएक्स ने एक्सिऑम-4 मिशन को स्थगित करने के बाद अभी तक नई लॉन्च डेट का ऐलान नहीं किया है. कंपनी ने कहा कि अब इस टेक्निकल प्रॉब्लम को ठीक करने और रेंज उपलब्धता के बाद इस मिशन की नई लॉन्च डेट को शेयर किया जाएगा. स्पेसएक्स ने मंगलवार यानी 10 जून 2025 को फाल्कन 9 रॉकेट के LOx लीक को ठीक करने का प्लान बनाया था, लेकिन निर्धारित समय तक समस्या ठीक नहीं हो पाई.

Axiom-4 मिशन के लिए फाल्कन 9 रॉकेट के बूस्टर स्टेज में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) लीक प्रॉब्लम को पूरी तरह से ठीक करने तक लॉन्च को स्थगित करने में इसरो ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने ETV भारत को दिए एक्सक्लूसिव बयान में बताया कि, LOx रिसाव एक गंभीर समस्या है, इसे संभाला जा सकता है, लेकिन उसके लिए सभी क्वालिटी आश्वासन (QA) और गुणवत्ता नियंत्रण (QC) प्रोटोकॉल को फॉलो करना जरूरी होता है.

उन्होंने समझाया, “लीक को ठीक करने में कितना टाइम लगेगा, वो लीक के प्रकार पर निर्भर करता है. अगर यह लिक्विड हाइड्रोजन (LH2) होता, तो प्रक्रिया में आमतौर पर अधिक समय लगता क्योंकि यह विस्फोट का कारण बन सकता है.”

इस मिशन में हुई देरी के बारे में इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि, फाल्कन 9 के बूस्टर स्टेज परफॉर्मेंस की जांच करने के लिए 7 सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया था, और उसमें LOx लीक पाया गया था. उन्होंने आगे बताया कि, इसरो, एक्सिऑम, और स्पेसएक्स की चर्चा के बाद लीक को ठीक करने और वैलिडेशन टेस्ट करने का फैसला लिया गया.

लॉन्च की अन्य संभावनाएं

आपको बता दें कि Axiom-4 मिशन को लॉन्च करने के लिए गुरुवार (12 जून 2025) को एक और लॉन्च विंडो है, लेकिन 12 जून को लॉन्च होगा या नहीं, यह पूरी तरह से फाल्कन 9 रॉकेट की तैयारियों पर निर्भर करता है. इसी कारण इस मिशन के लिए अभी तक अगली लॉन्च तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. अगर यह मिशन 12 जून को भी लॉन्च नहीं होता है तो नासा की ISS प्रोग्राम मैनेजर डाना वीगल के मुताबिक, जून के अंत तक और फिर जुलाई के मध्य में इसे लॉन्च करने के लिए कई मौके उपलब्ध हैं.

इस मिशन को 11 जून 2025 को अमेरिका के फ्लोरिडा में स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे लॉन्च होना था. इससे पहले भी इस मिशन लॉन्च की डेट में कई बार बदलाव किए गए हैं.

  • पहली तारीख: इस मिशन की लॉन्च डेट में कई बार बदलाव किए गए हैं. सबसे पहली बार इस मिशन को लॉन्च करने के लिए 29 मई 2025 की तारीख तय की गई थी.
  • दूसरी तारीख: उसके बाद मई 2025 में नासा और उनके पार्टनर्स ने आईएसएस के लिए उड़ान भरने वाले इस मिशन की फ्लाइट शेड्यूल का रिव्यू किया और उसे स्थगित करके 8 जून 2025 कर दिया था. इस बदलाव का कारण लॉजिस्टिकल और स्पेसक्राफ्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट था.
  • तीसरी तारीख: उसके बाद शुभांशु शुक्ला समेत 4 लोगों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में लेकर जाने वाले Ax-4 Mission की लॉन्च डेट को एक बार फिर स्थगित किया गया था. उसे 8 जून 2025 से बढ़ाकर 10 जून 2025 को 8:22 AM EDT (5:52 PM IST) निर्धारित किया गया था. इस बदलाव का कारण भी खराब मौसम था.
  • चौथी तारीख: अब आज निर्धारित लॉन्च वक्त से करीब 20 घंटे पहले इसरो ने एक बार फिर इस मिशन के स्थगित होने की जानकारी दी है. खराब मौसम के कारण इस मिशन को 10 जून 2025 की जगह 11 जून 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे लॉन्च किया जाएगा.

भारत के क्यों खास मिशन?

यह मिशन भारत के लिए ज्यादा खास इसलिए है क्योंकि इसके जरिए भारत की ओर से इतिहास में दूसरी बार कोई एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जाने वाला है. इस भारतीय एस्ट्रोनॉट का नाम शुभांशु शुक्ला है, जो Axiom-4 मिशन के 4 क्रू मेंबर्स में एक है. इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में होंगे. उसके अलावा अमेरिका के पैगी व्हिटसन कमांडर, पोलैंड की स्लावोज उज़नान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी की तिबोर कपु मिशन स्पेशलिस्ट की भूमिका में ISS जाएंगी. शुभांशु भारतीय वायुसेना के पायलट भी हैं.

भारत के लिए भी इस मिशन का काफी महत्व है, क्योंकि 1984 में रूस के अंतरिक्ष यान के साथ पहली बार राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे. अब करीब 4 दशकों के बाद शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय होंगे, जो अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं. इसके अलावा भारत गगनयान मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है और शुभांशु शुक्ला उस मिशन का भी हिस्सा होंगे. ऐसे में Axiom Mission-4 के दौरान उनका अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काफी काम आ सकता है. इससे अलावा भारत 2047 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की भी तैयारी कर रहा है, जिसके लिए शुभांशु शुक्ला का Ax-4 मिशन काफी काम आ सकता है.

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