कमिश्नर ग्रामीण विकास अनुराधा पाल (फोटो- ETV Bharat)
देहरादून: उत्तराखंड में ग्राम्य विकास और उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UKBOCW) ने मिलकर एक पोर्टल बनाया है. इस पोर्टल पर जितने भी ग्रामीण विकास के अंतर्गत श्रमिक हैं, जिन्होंने 90 दिन का रोजगार निर्माण कार्य में पूरा कर लिया है, वो इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. जिसके बाद उन्हें श्रम विभाग की तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा.
कमिश्नर ग्रामीण विकास अनुराधा पाल ने बताया कि श्रमिकों को श्रम विभाग अपने विभाग के अंतर्गत एनरोल करता है. जिससे इन श्रमिकों को कई तरह की सरकारी सुविधाएं दी जाती है. उन्होंने कहा कि श्रम विभाग की ओर से कई तरह के इंश्योरेंस भी श्रमिकों को दिए जाते हैं. इसके अलावा घर बनाने के लिए या फिर बच्चों की शादी के लिए और प्रसूति सहायता के लिए भी श्रम विभाग से मदद की जाती है.
आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल ने दी अहम जानकारी (वीडियो- ETV Bharat)
उन्होंने कहा कि इस तरह की तमाम योजना की सुविधा श्रम विभाग में रजिस्टर्ड श्रमिकों को मिलती थी, लेकिन मनरेगा श्रमिकों को नहीं मिलती थी, लेकिन इस पोर्टल के बनने के बाद मनरेगा श्रमिकों को भी इन योजनाओं का लाभ मिल पाएगा. यह ग्रामीण विकास और लेबर डिपार्टमेंट की एक नई पहल है.
उत्तराखंड में 9.5 लाख सक्रिय श्रमिक रजिस्टर्ड: उन्होंने बताया कि ग्राम्य विकास के अंतर्गत तकरीबन 9.5 लाख सक्रिय श्रमिक रजिस्टर्ड हैं, जो कि अब तक सोशल सिक्योरिटी नेटवर्क से दूर थे, लेकिन इस पहल के बाद अब यह पोर्टल पर रजिस्टर होने के बाद इन सभी श्रमिकों को श्रम विभाग से मिलने वाली योजनाओं का लाभ मिल पाएगा.
मनरेगा श्रमिक ऐसे ले सकते हैं लाभ: आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल ने बताया कि इन मनरेगा श्रमिकों को श्रम विभाग के पोर्टल https://labour.uk.gov.in पर रजिस्टर करने के लिए ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारियों को अधिकृत किया गया है. उनकी ट्रेनिंग भी करवाई जा चुकी है.
उन्होंने बताया कि एक बार मनरेगा श्रमिक यदि इस पोर्टल में रजिस्टर्ड कर देता है तो उसके बाद या तो वहां मनरेगा में 90 दिन का रोजगार करें या फिर किसी अन्य डिपार्टमेंट के तहत करें तो वो सोशल सिक्योरिटी सर्विस के लिए पात्र लाभार्थी बन जाते हैं.
इस तरह से श्रम विभाग के जरिए इन श्रमिकों को लाभ पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना को धरातल पर उतरने के लिए श्रम विभाग और ग्राम्य विकास मिलकर काम कर रहा है. इसको लेकर जो पोर्टल बनाया गया है, उसे भी लॉन्च कर दिया गया है.
इसके अलावा आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल ने ये भी बताया कि पहले किसी भी श्रमिक को श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जिला स्तर पर आना पड़ता था, लेकिन अब ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारी बना दिए गए हैं. ब्लॉक पर ही खंड विकास अधिकारी और कंप्यूटर ऑपरेटर को इसके लिए अधिकृत कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि श्रमिक को पोर्टल पर रजिस्टर करवाने का बहुत सरल स्टेप है. जिसमें केवल चार बेसिक डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. विभाग की ओर से जगह-जगह पर इसको लेकर कैंप भी लगाया जाएगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा श्रमिक सोशल सिक्योरिटी नेटवर्क के दायरे में आ सकें.
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