देहरादून, नवीन उनियाल: उत्तराखंड वन विभाग को कैंपा के तहत करोड़ों रुपयों का बजट मिलने जा रहा है. इसमें क्षति पूरक वनीकरण, के अलावा कैचमेंट प्लान और फॉरेस्ट फायर के साथ ही इंटीग्रेटेड वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट प्लान के लिए भी करोड़ों रुपए मिलने जा रहे हैं. फिलहाल, वन विभाग की तरफ से शासन को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है.जिसके तहत जल्द ही शासन से विभाग को बजट मिलेगा.
उत्तराखंड वन विभाग को विभिन्न मदों में करोड़ों का बजट मिलने जा रहा है. इसके लिए विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. माना जा रहा है कि अगले एक हफ्ते में विभाग को बजट मिल जाएगा. विभाग ने क्षतिपूरक वनीकरण, कैचमेंट प्लान, फॉरेस्ट फायर और इंटीग्रेटेड वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट प्लान के अंतर्गत बजट की डिमांड की है. अब शासन भी इस बजट पर अनुमोदन के साथ बजट जारी करने जा रहा है.
शासन पहले चरण में करीब 235.30 करोड़ रुपए वन विभाग को जारी करने जा रहा है. हालांकि, कैम्पा ने शासन को 439.50 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी महकमे को 235.30 करोड़ ही मिल पाएंगे.
कैंपा के अंतर्गत बड़े स्तर पर राज्य भर में वृक्षारोपण क्षतिपूरक के रूप में किया जाएगा. इसके अलावा 10 साल के अनुरक्षण का भी बजट इसमें शामिल किया गया है. यही नहीं फॉरेस्ट नर्सरी का भी काम इसी बजट में वन विभाग को करना होगा. इस मद में वन विभाग को 72 करोड़ रुपए मिलेंगे. प्रस्ताव के अनुसार इस साल वन विभाग को 1600 हेक्टेयर प्लाटिंग की जानी है. इसी तरह अगले साल के लिए 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जाने का भी लक्ष्य तय किया गया है.
वन विभाग द्वारा दिए गए प्रस्ताव के तहत कैचमेंट प्लान में भी जलम उपचार के लिए 55 करोड़ रुपए मिलने जा रहे हैं. इसमें 7 परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्र में ट्रीटमेंट का काम होना है. इसमें लोहारी नागपाला, जमरानी, व्यासी, नैटवाड़ मोरी, सौंग, खुटानी और लखवाड़ में जलागम क्षेत्र में उपचार किया जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से कैंपा के अंतर्गत मिलने वाले बजट में फॉरेस्ट फायर का बजट भी होगा. यानी कुल 12 करोड रुपए बनाग्नि के लिए भी वन विभाग को मिलेंगे. यही नहीं इंटीग्रेटेड वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट प्लान के लिए भी 10 करोड़ बजट मिल रहा है.
वन विभाग को यह बजट प्रथम चरण में मिल रहा है. इसके बाद अगले चरण में भी करोड़ों का बजट प्रस्ताव पर अनुमोदन के बाद मिलेगा. इससे पहले साल 2019 में राज्य के अधिकारियों कि भारत सरकार में बेहतर पैरवी के कारण 2000 करोड़ से ज्यादा का बजट प्रदेश को दिया गया था.
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