देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही मॉनसून दस्तक देने वाला है. मौसम विभाग की माने तो उत्तराखंड में दस जून तक मॉनसून पहुंच जाएगा. मौसम विभाग ने इस बार मॉनसून सीजन में 108 बारिश होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग के इसी आकंलन को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने भी अपनी कमर कस ली है. इसीलिए शनिवार को देहरादून में आपदा प्रबंधन ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें सीएम धामी ने भी शिरकत की.
मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल अगले चार से पांच दिन प्रदेश में अच्छी खासी बरसात देखने को मिलेगी. खास कर पहाड़ी जिलों उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बरसात होने की आशंका है. हालांकि पांच जून के बाद लोगों को बारिश से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.
देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित Monsoon -2025: Preparedness कार्यशाला में सम्मिलित होकर आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान आपदा मित्र योजना की तर्ज पर “आपदा सखी योजना“ प्रारंभ किए जाने की घोषणा भी की, जिससे महिला स्वयंसेवकों… pic.twitter.com/WiQZ2AWwZF
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 31, 2025
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार पूरे सप्ताह उत्तराखंड में कई जगहों पर हल्की-फुल्की बारिश होती रहेगी, जिसे प्री मानसून शॉवर भी कहा जा सकता है. प्रदेश में दस जून के बाद मॉनसून के एक्टिव होने की उम्मीद है. मॉनसून आने के बाद प्रदेश में बारिश भी जोर पकड़ेगी. एक-दो दिन में मॉनसून के बिहार पहुंचने की संभावना है.
मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि ऑल ओवर इंडिया में इस बार मॉनसून सीजन में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बरसात देखने को मिलेगी. यानी उत्तराखंड में लॉन्ग पीरियड एवरेज रेन का मानक 87 सेंटीमीटर का है, उससे 6 फीसदी ज्यादा बरसात देखने को मिलेगी. उम्मीद है कि ये एवरेज 108 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
कार्यशाला का आयोजन: उत्तराखंड में मॉनसून से पहले आपदा प्रबंधन विभाग भी अपनी तैयारियों में जुट गया है. शनिवार को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला का शुभारंभ सीएम धामी ने किया. आपदा प्रबंधन विभाग के अलावा जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी भी वुर्जुअली इस कार्यशाली में शामिल हुए.
प्रदेश के लिए आपदा हर साल चुनौती बनकर उभरी है. आगामी मानसून सीजन में आपदा जैसी चुनौती से कैसे निपटा जा सके, इसको लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें तैयारियां परखी गई.
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड-
NDMA ने दिए सुझाव: कार्यशाला में पहुंचे NDMA के सदस्य राजेंद्र सिंह ने राज्य सरकार को तीन सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए पूर्व चेतावनी व तत्काल कार्रवाही के साथ अंतर विभागीय समन्वय बेहद महत्वपूर्ण है, इसके साथ ही स्थानीय नेतृत्व व जनभागीदारी की भूमिका बहुत जरूरी है. इस मौके पर आपदा प्रबंधन सचिव ने तैयारियों की जानकारी दी. साथ ही मौसम विभाग किस तरह की सहभागिता निभाता है इसकी जानकारी दी गई.
पढ़ें—