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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन में कहा- देश तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बढ़ रहा

देहरादू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के रायपुर में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि खेल और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) समाज में भेदभाव को समाप्त करने का काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2036 में ओलिंपिक की मेज़बानी के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को बढ़ावा देने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेल और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) दोनों ही भेदभाव को समाप्त करते हैं। खेल स्पर्धाएं सभी को एकजुट होकर प्रयास करने और टीम भावना से खेलने की प्रेरणा देती हैं, और यूसीसी से भी यही संदेश मिलता है। हाल ही में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना, जहां समान नागरिक संहिता लागू की गई है।

मोदी ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए उत्तराखंड की पहल को ऐतिहासिक कदम बताते हुए प्रदेश सरकार और जनता को बधाई दी। उन्होंने खेलों को देश की साख और आर्थिक विकास से जोड़ते हुए कहा कि भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। इस प्रक्रिया में खेलों का योगदान महत्वपूर्ण होगा, और खेलों को आर्थिकी का अहम हिस्सा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार शाम रायपुर के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य उद्घाटन किया। इस मौके पर अपने संबोधन में मोदी ने खेलों में मौजूद भेदभाव रहित और टीम भावना के सिद्धांत को यूसीसी से जोड़ते हुए उसकी महत्ता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाबा केदार के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक यह निकला था कि “यह उत्तराखंड का दशक है।” उन्हें खुशी है कि राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले दिन उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना, जिसने समान नागरिक संहिता लागू की। इसे वह सेक्युलर सिविल कोड भी कहते हैं
बेटियों के गरिमापूर्ण जीवन का बनेगी आधार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) हमारे बेटियों, माताओं और बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगी। इससे लोकतंत्र और संविधान की भावना को मजबूती मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्पोर्ट्समैनशिप हमें भेदभाव की हर भावना से दूर करती है। हर जीत और हर मेडल के पीछे सबका प्रयास का मंत्र होता है। यही भावना समान नागरिक संहिता की भी है – न कोई भेदभाव, सब बराबर। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत 2036 के ओलिंपिक की मेज़बानी के लिए पूरी ताकत से प्रयास कर रहा है। जहां ओलिंपिक होते हैं, वहां न केवल खेल बल्कि कई अन्य क्षेत्रों को भी गति मिलती है। पूरे देश को इसका लाभ होता है। भारत में ओलिंपिक होने से खेलों को नया आकाश मिलेगा और यह खेलों के प्रति लोगों की भावना को और मजबूत करेगा।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है। जिन देशों में ओलिंपिक होते हैं, वहां अनेक सेक्टर को लाभ होता है। खेलों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। खेल गतिविधियों से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होते हैं और आर्थिक विकास को भी गति मिलती है।

खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से परिवहन, निर्माण और उत्पादन क्षेत्रों को भी विस्तार मिलेगा। सबसे बड़ा लाभ पर्यटन क्षेत्र को होगा। खेल सामग्री उत्पादक क्षेत्र के रूप में मेरठ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस उद्योग से तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।

पीएम यानी परम मित्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल ही में ओलंपिक टीम के सदस्य उनसे मिलने आए थे, और उस दौरान एक खिलाड़ी ने पीएम की नई परिभाषा दी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को “प्राइम मिनिस्टर” नहीं बल्कि “परम मित्र” कहकर संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले दस सालों में खेल बजट तीन गुना बढ़ चुका है। दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, और पूरे देश में आधुनिक खेल सुविधाओं का विकास हो रहा है। देश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मणिपुर में स्थापित की गई है। सरकार के प्रयासों का असर पदक तालिका में साफ दिखाई दे रहा है, और अब देशभर में साथ ही उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल जीत रहे हैं।

उत्तराखंड में बढ़ाएं शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राएं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है, और राज्य अब अपनी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि 25 साल का युवा उत्तराखंड अब विकास के नए रास्ते पर बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था अब केवल चारधाम यात्रा पर निर्भर नहीं रह सकती। शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को प्रोत्साहित करना बहुत आवश्यक है, और यह खुशी की बात है कि राज्य में इस दिशा में कुछ नए कदम उठाए गए हैं।

दर्शकों की मोबाइल फ्लैश लाइट करवाई ऑन

इससे पहले प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों की विधिवत शुरुआत करते हुए कहा कि यह उनका दायित्व है, लेकिन वह चाहते हैं कि स्टेडियम में मौजूद सभी लोग अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर उनका साथ दें। उपस्थित जन समुदाय ने प्रधानमंत्री की अपील पर अपनी मोबाइल फ्लैश लाइट जलाकर उनका साथ दिया।

ओलिंपियन लक्ष्य सेन ने राष्ट्रीय खेलों की मशाल “तेजस्विनी” प्रधानमंत्री मोदी को सौंपी। इस समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय खेल राज्यमंत्री रखा खडसे, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, प्रदेश की खेल मंत्री रेखा आर्या, भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष क्रिस जेनकिंस, और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट भी उपस्थित रहे।

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