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उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू , सीएम धामी ने कहा – श्रद्धा हत्याकांड जैसी घटनाओं को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया

 देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है और यह किसी की निजता में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने दिल्ली में श्रद्धा वालकर हत्याकांड का जिक्र करते हुए बताया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ही यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लिव-इन को समान नागरिक संहिता (UCC) के दायरे में लाना किसी की निजता में दखल नहीं, बल्कि युवाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का कदम है। उनका उद्देश्य यह है कि दिल्ली जैसी घटनाएं, जहां आफताब ने श्रद्धा के साथ हैवानियत की, फिर से न घटित हों।

सोमवार को समान नागरिक संहिता की नियमावली और पोर्टल लांचिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि कई बार यह आरोप लगाया गया कि सरकार लिव-इन को समान नागरिक संहिता के दायरे में लाकर लोगों की निजता में हस्तक्षेप कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। सरकार का उद्देश्य युवाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। युवा अपने रिश्तों में बहुत अच्छा समय बिताते हैं, लेकिन कई बार उनके बीच संबंध खराब हो जाते हैं, और कभी-कभी ऐसे रिश्तों में हत्या जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं। सीएम ने दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

सीएम धामी ने दिल्ली की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में 2022 में श्रद्धा वालकर और आफताब एक साथ रहते थे, और वहां आफताब ने श्रद्धा वालकर को बेरहमी से मारकर 300 लीटर के फ्रीज में डाल दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसी हैवानियत फिर से किसी बहन या बेटी के साथ न हो, इसलिए यह प्रविधान बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लिव-इन पंजीकरण की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता को दी जाएगी, लेकिन लिव-इन में कौन लोग रह रहे हैं, इसकी जानकारी गुप्त रखी जाएगी। उनका उद्देश्य युवाओं को सुरक्षा प्रदान करना और ऐसी जघन्य घटनाओं से बचाव करना है।

भावुक भी हुए मुख्यमंत्री धामी

समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वह अत्यधिक भावुकता के साथ सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों के सामने समान नागरिक संहिता को पूरी तरह से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। इस निर्णय को लेकर उन्हें गर्व के साथ-साथ हर्ष की भी अनुभूति हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना संभव हो पाया है।

पूर्व मुख्य सचिव ने साझा किए ड्राफ्ट बनाने के संस्मरण

समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली समिति के सदस्य और नियमावली बनाने वाली समिति के अध्यक्ष, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने संहिता के ड्राफ्ट से लेकर नियमावली बनाने की प्रक्रिया को साझा किया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को यह अधिकार है कि वे अपने कानून बना सकते हैं, और समान नागरिक संहिता का उल्लेख संविधान में भी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस मुद्दे पर साहसिक कदम उठाया और समान नागरिक संहिता को लागू करने का निर्णय लिया है।

इस दौरान, शत्रुघ्न सिंह ने ड्राफ्ट और नियमावली तैयार करने में सहयोग देने वाले सभी अधिकारियों और कार्मिकों के योगदान की सराहना भी की।

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