देहरादून : यूसीसी को उपयोगकर्ता के अनुकूल (यूजर फ्रेंडली) बनाया गया है, जिससे लोग अब घर बैठे अपने मोबाइल के माध्यम से भी आसानी से पंजीकरण करा सकेंगे। प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए सरकार ने विशेष योजना तैयार की है। जहां इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां जनसेवा केंद्रों के एजेंट घर-घर जाकर पंजीकरण और अन्य कार्य करेंगे। इसके अलावा, नागरिक ई-मेल और एसएमएस के जरिए अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकेंगे और उन्हें शिकायत दर्ज करने का भी विकल्प प्राप्त होगा।
यूसीसी को उपयोगकर्ता के अनुकूल (यूजर फ्रेंडली) बनाया गया है, जिससे नागरिक अब घर बैठे मोबाइल के माध्यम से भी अपना पंजीकरण करा सकेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 10,000 कॉमन सर्विस सेंटर के एजेंट्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण से संबंधित कार्यों के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को सब रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर ही ग्रामीण नागरिकों को पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध हो सके।
यूसीसी में पंजीकरण की सुविधा को और भी सरल और सुचारू बनाने के लिए आधार से पंजीकरण का विकल्प भी प्रदान किया गया है। इसके अलावा, नियमावली के तहत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिकों की शिकायतों के पंजीकरण की व्यवस्था भी की गई है।
आज राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल
नियमावली के प्रावधानों को लागू करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। 9 जनवरी से ब्लॉक स्तर पर 2000 अधिकारियों के प्रशिक्षण की शुरुआत की गई थी, जो अब पूरा हो चुका है। मंगलवार को राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, 24 जनवरी तक 10,000 वीईएल (सीएससी यूजर) को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। नोडल अधिकारियों की जिलावार नियुक्ति की गई है, और तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन भी स्थापित की गई है। कानूनी प्रश्नों के समाधान के लिए जिला स्तरीय अभियोजन विभाग के अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
दो फरवरी को आई थी रिपोर्ट
यूसीसी लागू करने के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को प्रस्तुत की। इसके बाद यह विधेयक विधानसभा से 8 मार्च 2024 को पारित किया गया। 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त हुआ।