देहरादून : 2018 के निकाय चुनाव में प्रदेश के सभी निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू था, लेकिन इस बार एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने ओबीसी की आबादी के आधार पर सीटों का आरक्षण तय किया है। इसके परिणामस्वरूप, उत्तराखंड की 14 नगर पालिका परिषद और 23 नगर पंचायतों में पहली बार ओबीसी समुदाय के लिए वार्ड सदस्य की कोई भी सीट आरक्षित नहीं होगी।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि इस बार आरक्षण आबादी के अनुपात में होगा। इसी आधार पर, नगर पालिका मंगलौर (हरिद्वार) में ओबीसी की आबादी 67.73 प्रतिशत होने के कारण यहां 20 में से 10 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएंगी, जबकि बाकी 10 सीटें अनारक्षित रहेंगी।
नगर पालिका जसपुर (ऊधमसिंह नगर) में ओबीसी की आबादी 63.52 प्रतिशत होने के कारण यहां 20 में से 9 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएंगी, 10 सीटें अनारक्षित रहेंगी और 1 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगी।
इस रिपोर्ट के आधार पर प्रदेशभर में आरक्षण के नए स्वरूप की घोषणा की जाएगी, जिससे ओबीसी समुदाय को अब पहले के मुकाबले अलग तरीके से प्रतिनिधित्व मिलेगा।