देहरादून : प्रदेश में पहली बार ओबीसी के लिए नगर निकायों में आरक्षण में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में 11 नगर निगमों में से मेयर के दो पद ओबीसी के लिए आरक्षित करने की सिफारिश की है, जबकि बाकी आठ पद अनारक्षित होंगे और एक पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा। इसके साथ ही नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भी ओबीसी को आरक्षण मिलेगा।
प्रदेश सरकार ने आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, और इसके आधार पर अगले एक-दो दिन में आरक्षण की अनंतिम अधिसूचनाएं जारी की जाएंगी। नगर पालिकाओं में 45 चेयरमैन पदों में से 13 ओबीसी के लिए आरक्षित होंगे, जबकि 25 पद अनारक्षित होंगे। नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 46 पदों में से 16 ओबीसी के लिए आरक्षित किए जाएंगे, और बाकी पदों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
नगर निगमों में ओबीसी आरक्षण:
- काशीपुर में ओबीसी की आबादी 38.62% होने के कारण यहां 40 में से 15 वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे।
- रुड़की में ओबीसी की आबादी 36.20% होने के कारण 40 में से 14 वार्ड ओबीसी के होंगे।
- हरिद्वार में ओबीसी की आबादी 20.90% होने के कारण 60 में से 13 वार्ड ओबीसी के होंगे।
इसके अलावा, देहरादून में ओबीसी के लिए 12, ऋषिकेश में 4, कोटद्वार में 3, श्रीनगर में 2, रुद्रपुर में 8, हल्द्वानी में 11, अल्मोड़ा में 3, और पिथौरागढ़ में 2 वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित होंगे।
यह बदलाव प्रदेशभर में ओबीसी समुदाय को प्रतिनिधित्व का एक नया अवसर प्रदान करेगा, और इसे आगामी नगर निकाय चुनावों में लागू किया जाएगा।