हमारे किचन में इस्तेमाल होने वाले मसाले और अनाज हमें कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन हालिया शोध ने कुकिंग ऑयल के खतरे को लेकर चिंता जताई है। एक नई रिसर्च से पता चला है कि खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाला कुछ तेल, खासकर सीड ऑयल, कोलन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है, जिसका समय पर पता चलने से इलाज संभव होता है। लेकिन देर से इसका पता चलने पर यह जान का खतरा भी बन सकता है।
कुकिंग ऑयल से कैंसर का खतरा
गट नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस शोध में यह बात सामने आई कि खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कुछ तेल, जैसे सूरजमुखी, अंगूर के बीज, कैनोला और मकई का तेल, कैंसर का जोखिम बढ़ा रहे हैं। इस शोध में 80 कोलन कैंसर के मरीजों पर अध्ययन किया गया, जिसमें बायोएक्टिव लिपिड्स (bioactive lipids) का स्तर हाई पाया गया। ये लिपिड्स सीड ऑयल के टूटने से बनते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
सीड ऑयल और बायोएक्टिव लिपिड्स
शोधकर्ताओं ने 81 कैंसर ट्यूमर सैंपल की जांच की, और पाया कि इन ट्यूमर में बायोएक्टिव लिपिड्स की अधिक मात्रा सीड ऑयल के कारण थी। पुराने शोधों से भी यह बात सामने आ चुकी थी कि सीड ऑयल शरीर में सूजन (inflammation) का कारण बन सकता है, जो कैंसर के विकास में योगदान करता है। नए शोध में यह भी पाया गया कि सीड ऑयल के टूटने से बनने वाले बायोएक्टिव लिपिड्स न केवल कोलन कैंसर को तेजी से बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर को ट्यूमर से लड़ने में भी रुकावट डालते हैं।
सीड ऑयल से संबंधित स्वास्थ्य जोखिम
सीड ऑयल में पाए जाने वाले ओमेगा-6 और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स, डायबिटीज और दिल की बीमारियों से जुड़े हो सकते हैं। शोध में यह भी सामने आया कि यदि आप खाना पकाने में सीड ऑयल का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं, तो यह शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का कारण बन सकता है, जिससे कैंसर का जोखिम और भी बढ़ सकता है।
क्या करें, क्या न करें?
इस शोध से यह निष्कर्ष निकलता है कि सीड ऑयल का अत्यधिक सेवन करने से कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसके बजाय आप हेल्दी विकल्प का चयन कर सकते हैं, जैसे देसी घी, नारियल तेल या जैतून का तेल, जो न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं, बल्कि आपको फिट रखने में भी मदद करेंगे।