देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने अपनी नई आवास नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब गरीबों के साथ-साथ मध्यम आय वर्ग के लोग भी सस्ते आवास प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही, राज्य में चिकित्सा सुविधाओं को और सुलभ बनाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी पर्ची की दर 20 रुपये तय की गई है, और यूजर चार्ज की दरें भी समान होंगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इन प्रस्तावों में आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (EWS) के लाभार्थियों के लिए वार्षिक आय की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा, निम्न आय वर्ग (LIG) और निम्न मध्यम आय वर्ग (LMIG) के लिए भी सस्ते आवास बनाने का निर्णय लिया गया।
आवास नीति में प्रमुख बदलाव
- EWS के लिए आवास की कीमत 9 लाख रुपये, LIG के लिए 15 लाख रुपये और LMIG के लिए 24 लाख रुपये तय की गई है।
- EWS आवास की बुकिंग 1000 रुपये, LIG की बुकिंग 2000 रुपये, और LMIG की बुकिंग 5000 रुपये में की जा सकेगी।
- पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 350 करोड़ और मैदानी क्षेत्रों के लिए 700 करोड़ से अधिक निवेश वाली परियोजनाओं के लिए अलग पैकेज लाया जाएगा।
- आवास योजना में दी जाने वाली सब्सिडी को 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।
बाखली शैली में आवास का प्रावधान
पहली बार पहाड़ी क्षेत्रों में बाखली शैली में आवास बनाने वालों को छूट देने का प्रावधान किया गया है, ताकि पर्वतीय इलाकों में आवासीय योजनाओं को बढ़ावा मिल सके।
समान यूजर चार्ज की व्यवस्था
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों में ओपीडी पर्ची की दर 20 रुपये तय की गई है। इसके साथ ही, अन्य यूजर चार्ज की दरें भी समान होंगी, जैसे कि जनरल वार्ड का बेड शुल्क 25 रुपये, एसी वार्ड का शुल्क 1000 रुपये और प्राइवेट वार्ड का शुल्क 300 रुपये होगा।
बिजली बिल में छूट का दुरुपयोग रोकने के उपाय
कैबिनेट ने घरेलू उपभोक्ताओं को लागू ऊर्जा शुल्क में 50 प्रतिशत सब्सिडी को मंजूरी दी है, साथ ही यह भी तय किया गया है कि यदि कोई एक ही परिवार में तीन-तीन कनेक्शन लेता है और इसका दुरुपयोग करता है, तो उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।
कृषि और अन्य निर्णय
- सी-ग्रेड सेब और नाशपाती का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 13 रुपये प्रति किलो और 7 रुपये प्रति किलो तय किया गया है।
- विभागों के वाहन चालकों का वर्दी भत्ता 2400 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया और सेवा शर्तों का नया शासनादेश लाया जाएगा।
यह नई आवास नीति राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और मध्यम आय वर्ग के लोगों को घर का सपना साकार करने में मदद करेगी और चिकित्सा सुविधाओं को सुलभ बनाएगी।