उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में 32 स्वीकृत और 4 प्रदर्शनी खेलों समेत कुल 36 खेल गतिविधियां शामिल होंगी। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य इस आयोजन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आइओए) के अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि इस आयोजन से देश में परंपरागत और आधुनिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा।
आइओए ने सोमवार को 38वें राष्ट्रीय खेलों की तिथियों की औपचारिक घोषणा की और उत्तराखंड के अनुरोध को स्वीकार करते हुए इसे 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक आयोजित करने की मंजूरी दी। इसके साथ ही, राष्ट्रीय खेलों की तिथियों को लेकर चल रही अनिश्चितता भी समाप्त हो गई।
32 स्वीकृत खेल और 4 प्रदर्शनी खेल
इस बार के राष्ट्रीय खेलों में कुल 36 खेल गतिविधियां होंगी, जिनमें 32 स्वीकृत और 4 प्रदर्शनी खेल शामिल हैं। प्रदर्शनी खेलों के माध्यम से देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा दिया जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन प्रदेश में खेलों और खिलाड़ियों के लिए स्वर्णिम अवसर है। इस आयोजन में उत्तराखंड के खिलाड़ी परचम लहराएंगे।
आइओए और यूएसओए की सहमति
आइओए और उत्तराखंड स्टेट ओलिंपिक एसोसिएशन (यूएसओए) के बीच इस आयोजन को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे। यूएसओए और राज्य सरकार ने 34 खेल गतिविधियों में प्रतिस्पर्धाएं कराने पर सहमति जताई थी। आइओए की अध्यक्ष और गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमिटी (जीटीसीसी) की हाल ही में हुई बैठक में 32 खेल गतिविधियों में स्पर्धाएं आयोजित करने और चार प्रदर्शनी खेलों को शामिल करने की मंजूरी दी गई।
पीटी उषा की प्रतिक्रिया
आइओए अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने कहा कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के ऐतिहासिक आयोजन का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन से देश में परंपरागत और आधुनिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा, और प्रदर्शनी खेलों को शामिल कर देश की समृद्ध विरासत को सम्मान मिलेगा। इससे खिलाड़ियों को नए अवसर मिलेंगे और उनकी प्रतिभा को नई ऊंचाई मिलेगी।
खेल मंत्री रेखा आर्या की प्रतिक्रिया
खेल मंत्री रेखा आर्या ने राष्ट्रीय खेलों की तिथियां और खेल प्रतियोगिताओं की घोषणा होने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन तिथियों की संस्तुति की थी और उत्तराखंड पहले से ही इन तिथियों के अनुसार अपनी तैयारियां कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हमारी तैयारियां पूरी तरह से आश्वस्त करने वाली हैं और यह आयोजन कई मायनों में ऐतिहासिक साबित होने वाला है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए यह अभूतपूर्व अवसर है, क्योंकि वे घरेलू मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। खिलाड़ी अब जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं और प्रदेश को उम्मीद है कि इस बार पदक तालिका में उसका स्थान अग्रिम पंक्ति में होगा।
चार प्रदर्शनी खेल
इस बार के राष्ट्रीय खेलों में चार प्रदर्शनी खेल भी होंगे, जो देश की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देंगे। ये प्रदर्शनी खेल हैं:
- योगासन
- मलखंभ
- कलरीप्पयट्टू
- राफ्टिंग
इस आयोजन से न केवल खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि यह भारतीय खेल संस्कृति को भी एक नया दृष्टिकोण देगा।