उत्तराखंड में भाजपा की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार, अंत्योदय परिवारों को निश्शुल्क रसोई गैस रिफिल योजना का लाभ 2027 तक देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रस्ताव को बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिली।
भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अति निर्धन परिवारों को साल में तीन निश्शुल्क रसोई गैस सिलिंडर देने का वादा किया था। सरकार के गठन के बाद, मुख्यमंत्री ने निश्शुल्क गैस रिफिल योजना लागू की। राज्य में लगभग 1,84,101 अंत्योदय राशनकार्डधारक हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में इन राशनकार्डधारकों को भी तीन निश्शुल्क गैस सिलेंडर प्रदान किए गए। मंत्रिमंडल ने इसे वित्तीय वर्ष 2024-25 और वर्तमान सरकार के कार्यकाल के अंत तक, यानी 2027 तक जारी रखने को भी स्वीकृति दी।
वर्तमान में एक रसोई गैस सिलिंडर रिफिल पर 822 रुपये का खर्च आता है। यदि सरकार वर्ष में तीन सिलिंडर प्रदान करती है, तो कुल खर्च 45.39 करोड़ रुपये होगा। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, अंत्योदय राशनकार्डधारकों को चार माह में एक निश्शुल्क रिफिल सिलिंडर देने के लिए ऑयल कंपनियों को अग्रिम धनराशि दी जाएगी। कार्डधारकों को गैस एजेंसी में पूरा मूल्य जमा करना होगा, जिसके बाद ऑयल कंपनी लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि हस्तांतरित करेगी।
हरिद्वार में हेलीपोर्ट निर्माण
मंत्रिमंडल ने हरिद्वार के सिडकुल में हेलीपोर्ट निर्माण को मंजूरी दी है। इसके लिए सिडकुल की बंसोवाली में 8092 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित की गई है, जिसकी वर्तमान में कीमत 10.51 करोड़ रुपये है। इस भूमि को नागरिक उड्डयन विभाग को निश्शुल्क हस्तांतरित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
भूमि आवंटन
मंत्रिमंडल ने विकासनगर के पास पछवादून बार एसोसिएशन को 358 वर्ग मीटर भूमि 30 साल की लीज पर एक रुपये प्रतिवर्ष की दर से देने का निर्णय लिया है, जहां अधिवक्ताओं के लिए चैंबर का निर्माण किया जाएगा।
वीरता पुरस्कार यात्रा खर्च
वीरता पुरस्कार, जैसे अशोक चक्र, महावीर चक्र, आदि प्राप्त भारतीय सैनिकों और उनकी वीरांगनाओं को राज्य परिवहन निगम की बसों में निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दी गई है। अब इस सुविधा का खर्च परिवहन निगम खुद उठाएगा, जबकि पहले यह खर्च सैनिक कल्याण विभाग करता था।
उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शेवेनिंग छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत प्रदेश के पांच मेधावी छात्रों को ब्रिटेन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह योजना 14 अगस्त, 2024 को ब्रिटिश हाई कमीशन और प्रदेश सरकार के बीच अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर के बाद लागू होगी।
राज्य के शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के अधिकतम पांच छात्रों को प्रति वर्ष स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। यह योजना 2025 से 2028 तक तीन शैक्षणिक सत्रों में चलायी जाएगी, जिसमें प्रति छात्र 22 लाख रुपये का व्यय होगा। ब्रिटेन 42 से 46 लाख रुपये तक का खर्च उठाएगा, जबकि शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी।