उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने वाली है। विशेषज्ञ समिति ने यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य सभी को समान न्याय और समान अवसर प्रदान करना है।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए सात कदम पूरे हो चुके हैं। जैसे ही आठवां कदम उठाया जाएगा, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां विभिन्न धर्मों के पर्सनल लॉ के स्थान पर एक समान कानून लागू होंगे। इस पहल के तहत हर धर्म की महिलाएं अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सशक्त होंगी। इसके अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।
ये हैं सात कदम:
- यूसीसी की घोषणा: 2022 के आम चुनावों से पहले सरकार ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की घोषणा की।
- पहली बैठक में निर्णय: सरकार गठन के बाद, पहली बैठक में यूसीसी लागू करने का निर्णय लिया गया।
- विशेषज्ञ समिति का गठन: सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
- विधेयक पारित होना: समिति की रिपोर्ट सौंपने के बाद, 7 फरवरी को राज्य विधान सभा में विधेयक पारित हुआ।
- अधिनियम का पारित होना: राष्ट्रपति की सहमति से 12 मार्च को यूसीसी अधिनियम पारित हुआ।
- विशेष समिति का गठन: यूसीसी की नियमावली और क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन हुआ, जिसमें लगभग 140 बैठकें हुईं।
- नियमावली का सौंपना: नियमावली तैयार करके 18 अक्टूबर को सरकार को सौंप दी गई।
- मंत्रिमंडल बैठक: जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक होगी, जिसमें सरकार यूसीसी को लागू करने का निर्णय लेगी।