चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आज बृहस्पतिवार को ब्रह्म मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस अवसर पर रुद्रनाथ जी की उत्सव विग्रह डोली अपने शीतकालीन स्थल गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर के लिए रवाना हो गई है। यह प्रक्रिया हर वर्ष सर्दियों के मौसम में होती है, जब मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
आज ही 18 किमी की पैदल दूरी तय कर रुद्रनाथ भगवान अपने शीतकालीन प्रवास में देर शाम तक विराजमान हो जाएंगे। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी वेद प्रकाश भट्ट ने विधि-विधान के साथ मंदिर को शीतकाल के लिए बंद किया। इस मौके पर सैकड़ों भक्तगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया और श्रद्धा से भगवान के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की।
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। वहीं, द्वितीय केदार मध्यमेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद किए जाएंगे। यह प्रक्रिया हर वर्ष शीतकाल में होती है, जब भक्तगण श्रद्धा के साथ भगवान के प्रवास की तैयारी करते हैं।
वहीं, द्वितीय केदार मध्यमेश्वर के कपाट 20 नवंबर को और तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ये प्रक्रियाएँ हर वर्ष सर्दियों के मौसम में श्रद्धालुओं के लिए होती हैं, जब ये मंदिर शीतकालीन प्रवास के लिए तैयार होते हैं।