हालांकि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर अभी आधिकारिक तौर पर ट्रैफिक का संचालन शुरू नहीं हुआ है, लेकिन लोगों ने इस पर गाड़ियों का चलाना शुरू कर दिया है। एशिया के सबसे लंबे वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर, जो शिवालिक के जंगलों और राजाजी नेशनल पार्क से गुजरता है, पर गाड़ियों की रफ्तार देखने को मिली। इसके बावजूद, आधिकारिक यात्रा का इंतजार अभी भी जारी है।
बिना उद्घाटन के ही रविवार को इस सड़क पर बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही देखी गई। दिल्ली-एनसीआर को उत्तराखंड से जोड़ने वाला दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 12 किलोमीटर लंबा एक एलिवेटेड कॉरिडोर है, जो शिवालिक की बरसाती नदी मोहंड रौ के ऊपर बनाया गया है।
चार सेक्शन में हो रहा है निर्माण
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण चार सेक्शन में विभाजित करके किया जा रहा है। चौथा और अंतिम सेक्शन उत्तर प्रदेश के गणेशपुर से देहरादून के आशारोड़ी चेक पोस्ट तक फैला हुआ है, जिसकी कुल लंबाई 20 किलोमीटर है। इसमें से 16 किलोमीटर यूपी में स्थित है, जिसमें 12 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर भी शामिल है। यह एलिवेटेड कॉरिडोर राजाजी नेशनल पार्क से भी जुड़ता है। जंगली जानवरों की सुरक्षा के मद्देनजर, इसे बरसाती नदी के ऊपर बनाया गया है।
264 किलोमीटर की यात्रा अब ढाई घंटे में
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद, दिल्ली के अक्षरधाम से देहरादून तक 264 किलोमीटर का सफर महज ढाई घंटे में तय किया जा सकेगा। देहरादून पहुंचने पर वाहन चालकों को 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड भी मिलेगा, जो घने जंगलों के ऊपर से गुजरता है। इससे यात्रियों को जंगली जानवरों के दर्शन का भी मौका मिल सकता है।
अक्षरधाम से शुरू होकर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से शुरू होकर आगे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इस 32 किलोमीटर लंबे एक्सेस कंट्रोल रोड में से 19 किलोमीटर की सड़क एलिवेटेड बनाई जा रही है। इस एलिवेटेड रोड के नीचे 6 लेन की सड़क भी बनाई जा रही है, जिससे दिल्ली का ट्रैफिक बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे पर जाने के लिए मंडोला के पास एक एंट्री प्वाइंट प्रदान किया गया है।