उत्तराखंड में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लिए अब कोई रियायत नहीं होगी। परिवहन विभाग ऐसे चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अब सीधे ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किया जाएगा, और संबंधित चालक 12 महीने तक नया लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेगा। जनवरी से अगस्त के बीच 1800 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं।
शराब पीकर अंधाधुंध गाड़ी चलाने वालों की अब खैर नहीं होगी। ऐसे चालकों के खिलाफ परिवहन विभाग न केवल वाहन का चालान करेगा, बल्कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी सीधे निरस्त करने की कार्रवाई करेगा।
आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सड़क सुरक्षा से जुड़े छह अपराधों में सीधे ड्राइविंग लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। पहले, इन अपराधों के लिए लाइसेंस तीन या छह महीने के लिए निलंबित होता था, लेकिन अब यह निरस्त किया जाएगा।
इसके अलावा, संबंधित चालक 12 महीने तक नया लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेगा। आरटीओ ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक 1800 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं।
आरटीओ ने बताया कि शराब पीकर वाहन चलाने, बेलगाम गति और खतरनाक ढंग से वाहन चलाने वालों के लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई में किसी भी प्रकार की सुनवाई का अवसर नहीं दिया जाएगा। हालांकि, दुपहिया पर हेलमेट न पहनने और ट्रिपल राइडिंग करने पर लाइसेंस का तीन माह के लिए निलंबन का नियम पूर्व की तरह यथावत रहेगा।
परिवहन विभाग ने जो तैयारी की है, उसके तहत शराब पीकर और बेलगाम गति से वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ ने बताया कि केंद्र की ओर से मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों के अनुसार, यदि दुर्घटना में चालक की गलती पाई जाती है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। यह नियम उन चालकों पर भी लागू होगा, जिनकी वजह से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
स्टंटबाजी पर लगेगी लगाम:
शहर में स्टंटबाज बाइकर्स और कार गैंग एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। शहर के मुख्य इलाकों में इन गैंगों का खतरनाक खेल अक्सर देखने को मिलता है, जिससे महिलाओं और युवतियों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। इनकी वजह से कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं। नए नियमों के लागू होने के बाद, ऐसे चालकों पर नकेल कसने में परिवहन विभाग को मदद मिलेगी।