उत्तराखंड में हुए साइबर हमले की परतें अब खुलने लगी हैं। हैकरों ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) के पूरे सिस्टम को हैक कर मोटी रकम की मांग की थी। पुलिस ने इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में पहला मुकदमा दर्ज किया है। इस पूरी स्थिति में राहत की बात यह है कि इंजीनियरों की टीम ने समय पर पूरे सिस्टम को डाउन कर दिया, जिससे महत्वपूर्ण डेटा सुरक्षित रह गया।
उत्तराखंड पर हुए साइबर हमले के बाद इंजीनियरों की टीम ने डेटा को सुरक्षित कर लिया है, लेकिन हमले के पीछे की जानकारी धीरे-धीरे खुल रही है। हैकरों ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) का पूरा सिस्टम हैक कर मोटी धनराशि की मांग की थी। उन्होंने एक मेल आईडी के जरिए संपर्क करने को कहा और कहा कि रकम मिलने के बाद ही डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय में तैनात निरीक्षक की तहरीर पर साइबर हमले का पहला मुकदमा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हैकरों ने कितनी रकम मांगी और वह कहां से मांगी गई। पुलिस इसकी गहराई से जांच कर रही है।
क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) की प्रभारी निरीक्षक रचना सागर श्रीवास्तव ने बताया कि दो अक्टूबर की दोपहर तकनीकी टीम द्वारा थानों से भेजी गई सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से संबंधित शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा था। अचानक सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट ने काम करना बंद कर दिया, और जब अन्य सिस्टम चेक किए गए, तो पता चला कि कोई भी सिस्टम कार्य कर नहीं रहा था। आईटीडीए से जानकारी लेने पर पता चला कि उनके सर्वर को हैक कर लिया गया है।