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उत्तराखंड में अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कोई छूट नहीं..ड्रोन से रखी जायेगी निगरानी

वाहन चालक अक्सर चौराहों पर पुलिसकर्मियों की अनुपस्थिति में यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। खासकर, वे बिना हेलमेट के या जेब्रा क्रॉसिंग की अनदेखी करते हैं। उन्हें यह पता नहीं होता कि उनकी हवाई निगरानी ड्रोन द्वारा की जा रही है, और नियम तोड़ने पर उनके चालान किए जा रहे हैं।

ड्रोन से ट्रैफिक प्रबंधन

यातायात पुलिस ने यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ड्रोन का उपयोग करना शुरू किया है। जहां ड्रोन से जाम की स्थिति में मदद मिल रही है, वहीं दूसरी ओर नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है।

जेब्रा क्रॉसिंग पर निगरानी

ड्रोन द्वारा चौराहों और जेब्रा क्रॉसिंग पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। जेब्रा क्रॉसिंग का उल्लंघन करने से सड़क पार करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, यातायात पुलिस ने जनवरी से सितंबर तक के आठ महीनों में 2525 चालकों का ड्रोन द्वारा चालान किया है जो जेब्रा क्रॉसिंग का उल्लंघन कर रहे थे।

हेलमेट न पहनने वालों पर कार्रवाई

ड्रोन के माध्यम से बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। कुछ चालक पुलिस की आंखों से बचने के लिए गलियों से निकलकर बिना हेलमेट शहर में प्रवेश कर रहे हैं। हेलमेट सिर की चोटों से बचाने में महत्वपूर्ण होता है। पिछले आठ महीनों में, ड्रोन के जरिए बिना हेलमेट चलाने वाले 864 चालकों के चालान किए गए, इसके अलावा अन्य अपराधों में 2125 चालान भी किए गए।

सड़क हादसों में हर माह 85 लोगों की जान

हर महीने सड़क हादसों में 142 घटनाओं के दौरान 85 लोग अपनी जान गंवाते हैं। अधिकांश मामलों में यह देखा गया है कि वाहन चालकों की मृत्यु हेलमेट न पहनने के कारण होती है। इसी वजह से वाहन चालकों और पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया है।

जनवरी से जुलाई के बीच के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में 1008 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 600 लोगों की जान गई और 848 लोग घायल हुए। हर साल सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं।

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