यूपीसीएल की ओर से 1.12 रुपये प्रति यूनिट के एडिशनल सरचार्ज की मंजूरी के बाद, इसका प्रभाव मुख्य रूप से व्यापारिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। खुला बाजार से बिजली खरीदने वाले ये उपभोक्ता अब अधिक लागत का सामना करेंगे, जिससे उनकी परिचालन लागत में वृद्धि हो सकती है।
हालांकि, आम बिजली उपभोक्ताओं पर इसका कोई असर नहीं होगा। उनकी बिजली दरें स्थिर रहेंगी, जिससे उन्हें कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
इस निर्णय का उद्देश्य यूपीसीएल की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना और बाजार में प्रतिस्पर्धा को नियंत्रित करना है। इससे उम्मीद है कि बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा और लंबे समय में उपभोक्ताओं को स्थिरता मिलेगी।
खुले बाजार यानी ओपेन एक्सेस से बिजली खरीदने वाले उपभोक्ताओं को अब अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल की याचिका पर सुनवाई के बाद ओपेन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए 1.12 रुपये प्रति यूनिट की दर से एडिशनल सरचार्ज लागू करने का निर्णय लिया है।
यह सरचार्ज केवल उन उपभोक्ताओं पर लागू होगा जो खुले बाजार से बिजली खरीदते हैं, जबकि आम बिजली उपभोक्ताओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे उन्हें अपनी निर्धारित दरों पर बिजली मिलती रहेगी।
यह कदम यूपीसीएल की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने और बाजार में स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उत्तराखंड में कई बड़े उपभोक्ता खुले बाजार से बिजली खरीदते हैं, और यूपीसीएल इन उपभोक्ताओं से अतिरिक्त सरचार्ज वसूलता है। हाल ही में, यूपीसीएल ने नियामक आयोग में एक याचिका दायर करते हुए एडिशनल सरचार्ज की मांग की थी।
नियामक आयोग की अध्यक्षता एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने 1.12 रुपये प्रति यूनिट की दर से इस सरचार्ज को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यतः उन उपभोक्ताओं पर लागू होगा जो खुले बाजार से बिजली खरीदते हैं, जबकि आम उपभोक्ताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस कदम का उद्देश्य यूपीसीएल की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करना और बाजार में प्रतिस्पर्धा को संतुलित रखना है।