ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोप-वे की परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि का चयन कर लिया गया है। यह जानकारी सोमवार को ऋषिकेश विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि आवास विभाग के पक्ष में इस भूमि के हस्तांतरण की स्वीकृति मिल गई है। प्रस्ताव के अनुसार, यह भूमि एक रुपये प्रति वर्ष के दर पर 99 वर्षों के पट्टे पर दी जाएगी, जिसका उन्होंने अनुमोदन किया है।
प्रसिद्ध नीलकंठ महादेव के दर्शनों के लिए महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोप-वे परियोजना में भूमि संबंधी अड़चनें अब दूर होती दिख रही हैं।प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए भूमि का चयन कर आवास विकास विभाग के पक्ष में भूमि हस्तांतरण की मंजूरी दे दी है। इससे परियोजना के निर्माण की राह खुल गई है।
प्रसिद्ध नीलकंठ महादेव के दर्शनों के लिए प्रस्तावित ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोप-वे परियोजना की भूमि संबंधी अड़चनें अब खत्म होती दिख रही हैं।
सोमवार को ऋषिकेश विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस परियोजना के लिए ग्राम पुंडरासू उदयपुर तल्ला और ग्राम तोली, पट्टी उदयपुर तल्ला-एक, तहसील यमकेश्वर में भूमि का चयन किया गया है। आवास विभाग के पक्ष में इस भूमि के हस्तांतरण की स्वीकृति भी मिल चुकी है।
अग्रवाल ने बताया कि यह भूमि एक रुपये प्रति वर्ष की दर पर 99 वर्षों के पट्टे पर देने के प्रस्ताव को उन्होंने मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुप्रतीक्षित परियोजना है, जिसकी जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि रोप-वे की सुविधा से यातायात जाम और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी। इससे श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी और उनका समय भी बचेगा। इसके अलावा, रोप-वे स्थानीय पर्यटन और स्वरोजगार को भी प्रोत्साहित करेगा।
नीलकंठ महादेव मंदिर, जो पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में मणिकूट पर्वत की तलहटी पर स्थित है, का विशेष महत्व है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं, खासकर श्रावण मास में, जब पांच लाख से अधिक शिव भक्त जलाभिषेक के लिए यहां पहुँचते हैं।