सपने बड़े होने चाहिए, चाहे शुरुआत छोटे से गाँव से ही क्यों न हो। महक चौहान का भारतीय टीम में जगह बनाना इस हौसले और आत्मविश्वास की मिसाल है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि कठिनाइयों को पार करते हुए भी बड़े लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। महक ने अपने प्रदर्शन से यह दिखाया है कि मेहनत और लगन से किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है। उनके इस सफर से प्रेरणा लेते हुए, अन्य युवा भी अपने सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
उत्तरकाशी के छोटे से गांव भदासू गुडगाड़ मोरी की महक चौहान ने एशिया रग्बी अंडर-18 चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई है। पहाड़ की इस बेटी ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को गर्व महसूस कराया है।
महक चौहान की सफलता इस बात का उदाहरण है कि छोटे गाँव से उठकर बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं। एशिया रग्बी अंडर-18 चैंपियनशिप 28 और 29 सितंबर 2024 को मलेशिया के जोहल में आयोजित होगी, जिसमें देशभर से 12 बालिकाओं का चयन किया गया है। महक चौहान, जो देहरादून के साईग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 12 की छात्रा हैं, ने अपनी मेहनत और लगन से रग्बी में बड़ा मुकाम हासिल किया है।
विदेश में सफलता की उम्मीद
महक के पिता, अरविंद चौहान, एक शिक्षक हैं, और उनके चयन से परिवार में खुशी की लहर है। उत्तराखंड रग्बी एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और कोच आयुष सैनी ने बताया कि महक पहले भी इंडिया कैंप का हिस्सा रह चुकी थीं, लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिली थी। इस बार, उन्होंने अपने प्रदर्शन से सफलता अर्जित की है। सभी को उम्मीद है कि महक विदेश की धरती पर अपने पराक्रम से सफलता के झंडे गाड़ कर आएंगी और उत्तराखंड का नाम रोशन करेंगी।