सीएम धामी ने शासन और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन और पुनर्वास संबंधी कार्यों की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा मार्ग की मरम्मत, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों, और बारिश की स्थिति का तकनीकी संस्थानों से अध्ययन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों को वरुणावत के भूस्खलन क्षेत्र के तकनीकी अध्ययन के लिए आईआईटी रुड़की और टीएचडीसी से सहयोग प्राप्त करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, पूर्व में किए गए अध्ययनों पर भी ध्यान देने की बात कही, ताकि भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
सीएम धामी ने शासन और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के कार्यों की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने जानकीचट्टी के आसपास के क्षेत्रों में उपचार और विस्तारीकरण कार्यों की गति बढ़ाने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार करने और बारिश समाप्त होते ही सड़क मरम्मत और अन्य पुनर्निर्माण योजनाओं के लिए त्वरित टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली को विकसित करने और आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी समन्वय पर जोर दिया।
ड्रेनेज सिस्टम को प्रभावी बनाने का निर्देश
सीएम धामी ने सात-आठ जुलाई को सितारंगज, टनकपुर, बनबसा और तराई-भाबर क्षेत्रों में भारी मात्रा में पानी जमा होने और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए अध्ययन की आवश्यकता जताई। उन्होंने जल निकासी प्रणाली और ड्रेनेज सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों की त्वरित सहायता हमारी जिम्मेदारी है। हालांकि हम आपदा को रोक नहीं सकते, लेकिन हम पीड़ितों की मदद कर उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि आपदा मद में धनराशि वृद्धि से क्षतिग्रस्त संपत्तियों, आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण और मूलभूत सेवाओं को सुचारू करने में मदद मिलेगी।