राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट प्रदान किया जाएगा। इस बजट का आकलन यूपीसीएल के प्रस्ताव पर सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। उरेडा, यूपीसीएल के प्रस्ताव के अनुसार, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवश्यक बजट उपलब्ध कराएगा।
राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने में आ रही समस्याओं के बीच, अब यूपीसीएल की बजट से संबंधित बाधा को दूर किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी अधिसूचना में संशोधन कर दिया है। विभिन्न जिलों में सौर परियोजनाओं की बढ़ती मांग और इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है।
पूर्व के नियमों के तहत, 50 किलोवाट क्षमता तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर की हवाई दूरी और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी तक के सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाते थे। हवाई दूरी की गणना उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के मानकों के अनुसार की जाती थी। हालांकि, कई जिलों में इतनी अधिक सौर ऊर्जा परियोजनाओं का आवंटन हो गया कि यूपीसीएल के इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता कम पड़ गई। इस कारण, ऊर्जा विभाग ने इन नियमों में संशोधन कर दिया है।
उरेडा राज्य योजना के बजट से आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। नए संशोधनों के तहत, हवाई दूरी का नियम वही रहेगा, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट अब एक बाधा नहीं बनेगा। यूपीसीएल एक प्रस्ताव तैयार कर उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) को भेजेगा। इस प्रस्ताव की समीक्षा सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी, जिसमें अपर सचिव वित्त, अपर सचिव ऊर्जा, यूपीसीएल के एमडी, और उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
समिति की मंजूरी के बाद, यूपीसीएल के प्रस्ताव पर उरेडा राज्य योजना के बजट से धनराशि उपलब्ध कराएगा। यह राशि केवल मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए उपयोग की जाएगी। यूपीसीएल को इसके उपयोगिता प्रमाणपत्र भी उरेडा को प्रदान करना होगा। इससे सब स्टेशन, ट्रांसमिशन लाइन, ट्रांसफार्मर जैसी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
उत्तरकाशी में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत प्राप्त आवेदन अटक गए हैं। ग्रिड की पूरी क्षमता भर जाने के कारण, यूपीसीएल ने छह सब स्टेशनों से जुड़े आवेदन की तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (टीएफआर) को रोक दिया है। इस स्थिति के चलते उरेडा भी इन परियोजनाओं को आवंटित नहीं कर पा रहा है। अब उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने सचिव ऊर्जा को पत्र भेजकर इन छह सब स्टेशनों के उन्नयन के लिए 59 करोड़ रुपये का बजट मांगा है।