हमारी व्यस्त और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर नींद को नजरअंदाज कर देते हैं। युवाओं में यह आम बात है कि वे दिनभर काम करते हैं और रात को देर तक जागकर मस्ती करते हैं। लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि नींद की कमी स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है। सोते समय हमारी शरीर केवल आराम नहीं करती, बल्कि इसकी मरम्मत भी होती है। इसलिए, अगर नींद पूरी नहीं होती, तो स्वास्थ्य पर कई नकरात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। आइए, इस पर और विस्तार से चर्चा करें।
दिमाग की कार्यक्षमता में कमी
नींद की कमी के कारण दिमाग की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे सोचने-समझने, याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता में कमी आ सकती है, जो आपके दैनिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
कमजोर इम्यून सिस्टम
नींद के दौरान हमारा शरीर साइटोकाइन नामक पदार्थ का निर्माण करता है, जो इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखता है। लेकिन यदि नींद पूरी न हो, तो इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और आपको बीमारियों का जल्दी शिकार होने का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, छोटी-मोटी बीमारियों से उबरने में भी अधिक समय लग सकता है।
मेंटल हेल्थ पर असर
नींद की कमी से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे तनाव की भावना बढ़ती है। लंबे समय तक नींद की कमी होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी मानसिक स्थिति पर पड़ सकता है, जिससे चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
क्रॉनिक बीमारियों का जोखिम
नींद की कमी से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर ऊंचा हो जाता है, जिससे तनाव का स्तर भी बढ़ता है। इससे दिल की बीमारियाँ, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस प्रकार, नींद की कमी के कारण व्यक्ति इन बीमारियों के शिकार हो सकता है।
मोटापा
नींद की कमी के कारण व्यक्ति मोटापे का शिकार बन सकता है, हालांकि इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इसका कारण यह है कि नींद घेरलिन और लेप्टिन हार्मोन्स के स्तर को नियंत्रित करती है। जब नींद पूरी नहीं होती, तो शरीर अधिक घेरलिन हार्मोन रिलीज करता है, जिससे भूख बढ़ जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति अधिक मात्रा में भोजन करता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो मोटापे की समस्या उत्पन्न हो सकती है।