मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास में उच्च शिक्षा विभाग ने ब्रिटिश उच्चायोग और इन्फोसिस स्प्रिंगबोर्ड के साथ समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सचिव शैलेश बगोली ने ब्रिटिश उच्चायोग की डिप्टी हाई कमिश्नर सु कैरोलीन रौवेट और इन्फोसिस स्प्रिंगबोर्ड के गवर्नमेंट पार्टनरशिप हेड संतोष अनंथपुरा के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस समझौते से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को नया आयाम मिलेगा। इससे राज्य के उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त होगा और राज्य को वैश्विक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए लगातार नई योजनाओं का संचालन कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उच्च शिक्षा की पढ़ाई के बाद युवाओं को व्यस्त रखने के लिए कई कार्ययोजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थानों में कौशल विकास प्रशिक्षण और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के निशुल्क कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को नवाचार से भी जोड़ा जा रहा है, क्योंकि शिक्षा और नवाचार दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उच्च शिक्षा विभाग राज्य के मानवीय संसाधनों के विकास में सतत रूप से महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और इस दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में कुल 35 विश्वविद्यालय हैं, जहां 5 लाख से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों को टॉप रैंकिंग में लाने के लिए काम कर रही है और बच्चों के शैक्षिक स्तर को भी सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अगले वर्ष तक राज्य के पांच विश्वविद्यालयों को देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चिवनिंग उत्तराखंड स्कॉलरशिप का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों के गरीब मेधावी छात्रों, विशेष रूप से छात्राओं को वैश्विक अवसर प्रदान करते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत, प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत और चिवनिंग स्कॉलरशिप के लिए योग्य 05 छात्रों को प्रतिवर्ष स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए ब्रिटेन के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में भेजा जाएगा। इससे उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार कार्य करने का अनुभव मिलेगा और उनकी नेतृत्व क्षमता का भी विकास होगा। इस स्कॉलरशिप के तहत चयनित छात्रों को ब्रिटेन में 01 वर्ष के अध्ययन के बाद अपने राज्य के विकास के लिए कार्य करना अनिवार्य होगा। इस सहयोग और समझौते के तहत खर्च का समान रूप से वहन चिवनिंग और राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
स्प्रिंगबोर्ड इंफोसिस अपने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सी.एस.आर. के तहत शिक्षकों के लिए आईटी आधारित निशुल्क प्रशिक्षण मॉड्यूल और छात्रों के लिए निशुल्क कोर्स उपलब्ध कराएगा। ये पाठ्यक्रम एन.ई.पी. के अंतर्गत ऐक्षिक कोर्स के रूप में भी चयनित किए जाएंगे। शिक्षक इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कर अपने संस्थानों के छात्रों के लिए माइक्रोसाइट्स बना सकते हैं और विशेष सामग्री प्रदान कर सकते हैं। इसके माध्यम से छात्रों को नवीनतम इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के कोर्स सुलभ होंगे, जिनकी निरंतर मॉनीटरिंग और छात्र प्रगति को डैशबोर्ड के माध्यम से देखा जा सकेगा।