जौनसार-बावर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर पहाड़ दरकने के कारण 22 मोटर मार्गों पर यातायात ठप हो गया है। बंद मार्गों में लोनिवि चकराता के पांच राज्य मार्ग, पीएमजीएसवाई कालसी के छह मार्ग और लोनिवि साहिया के 11 मोटर मार्ग शामिल हैं। इन बंद मार्गों के चलते लगभग सौ गांवों के ग्रामीणों की दैनिक गतिविधियाँ पूरी तरह प्रभावित हो गई हैं।
रास्ते बंद होने के कारण नकदी फसलें खेतों में सड़ने लगी हैं। किसान जो उपज मंडी में बेचने के लिए फसलें वाहनों में भरवाते हैं, उनकी गुणवत्ता खराब हो रही है। परिणामस्वरूप, किसानों को मंडियों में अपेक्षित मूल्य प्राप्त नहीं हो रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
लोनिवि चकराता का चकराता लाखामंडल राज्य मार्ग जखधार के पास मलबा आने के कारण बंद हो गया है। लोनिवि साहिया का काहा नेहरा पुनाहा, शहीद सुरेश तोमर और गास्की मोटर मार्ग 25 जुलाई से बंद है और रविवार को भी खुल नहीं पाया। इसके अतिरिक्त, 26 जुलाई को बंद मसूरी चकराता से गोई छनास मोटर मार्ग भी अभी तक खुल नहीं सका है। लेल्टा पाटा मंडोली मोटर मार्ग किमी तीन और चार पर दो स्थानों पर भारी मलबा आने से यातायात ठप है, जबकि सराड़ी मोटर मार्ग किमी चार पर बंद है। इन बंद मार्गों के कारण स्थानीय लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पीएमजीएसवाई कालसी का शनिवार को बंद हुआ जगथान मोटर मार्ग दूसरे दिन भी चालू नहीं हो सका है। यह मार्ग छह स्थानों पर मलबा आने के कारण बाधित है। धोइरा देऊ मोटर मार्ग और खारसी संपर्क मार्ग भी दूसरे दिन तक नहीं खुल पाए हैं। 25 जुलाई को बंद गडोल सकरोल मोटर मार्ग और 26 जुलाई को बंद दमन दसेऊ मोटर मार्ग पर भी यातायात सुचारू नहीं हो सका है। बोसान बैंड मोटर मार्ग किमी एक पर मलबा आने से बंद हो गया है।
लोक निर्माण विभाग चकराता का नौ जुलाई से बंद रावना पुरोड़ी संपर्क मार्ग और 26 जून को बंद टुंगरा मोटर मार्ग भी अभी तक नहीं खुल पाए हैं। सिजला मोटर मार्ग और माख्टी पोखरी ककनोई मोटर मार्ग भी रविवार को मलबा आने के कारण बाधित हो गए हैं। लोनिवि साहिया की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल, पीएमजीएसवाई कालसी के अधिशासी अभियंता रोहित श्रीवास्तव और लोनिवि चकराता के अधिशासी अभियंता एलके गोयल ने बंद मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई हैं।
नदियों का बढ़ता जलस्तर
विकासनगर क्षेत्र में पछवादून और जौनसार-बावर में सबसे अधिक वर्षा कालसी क्षेत्र में हुई, जहां 115.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस बारिश के चलते नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। डाकपत्थर बैराज पर यमुना का जलस्तर 454.60 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि चेतावनी और खतरे का स्तर 455.37 मीटर है। इच्छाड़ी डैम में टोंस नदी का जलस्तर 643 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि चेतावनी स्तर 644.60 मीटर और खतरे का स्तर 644.75 मीटर पर है।