केंद्रीय बजट में महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्क को कम करने पर विचार किया गया है और राज्यों को इसे प्रोत्साहित करने की सलाह दी गई है। इससे उम्मीद की जा रही है कि इससे प्रदेशों को लाभ होगा। विशेष रूप से उन राज्यों को जहां पहले से ही संपत्तियों की रजिस्ट्री पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाती है, उन्हें इसका फायदा हो सकता है। इन राज्यों में हर साल औसतन ढाई लाख से अधिक की रजिस्ट्री होती है, जिससे इनको 2300 करोड़ से अधिक का स्टाम्प और निबंधन शुल्क मिलता है।
राज्य में महिलाओं को 25 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर 25% तक की स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाती है। यह छूट अधिकतम दो संपत्तियों की खरीद पर लागू होती है। केंद्रीय बजट में इसे प्रोत्साहने की बात कही गई है, इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि स्टाम्प शुल्क में छूट का प्रतिशत बढ़ा सकता है। इसके साथ ही संपत्ति खरीद मूल्य की सीमा भी बढ़ सकती है।
केंद्रीय बजट में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि संबंधी सुधार, कार्यों का डिजिटलीकरण आदि का उल्लेख है। इसी तरह, प्रदेश में भी स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग ने तकनीकी उपायों से लोगों को सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया है। इसमें वर्चुअल रजिस्ट्री की सुविधा को शुरू किया गया है, जिससे लोग घर बैठे प्रदेश के किसी भी हिस्से की भूमि के सर्किल रेट को जान सकते हैं।