उत्तरकाशी: सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में तमाम दिक्कतों की वजह से सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में देरी हो रही है. अमेरिका से आई ऑगर मशीन के अलावा, देश के अलग-अलग राज्यों से आईं मशीनें भी फेल हो गई हैं. बताया जा रहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने में अभी दो से तीन दिन का समय और लग सकता है. फिलहाल राहत टीम वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है
अभी तक वर्टिकल तरीके से 19.2 मीटर ड्रिलिंग को पूरा कर लिया गया है. अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 से 87 मीटर तक ड्रिल किया जाना है. इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एजेंसियों ने 100 घंटे का लक्ष्य रखा है. यानी 30 नवंबर तक वर्टिकल ड्रिल के जरिए सफलता मिलने की उम्मीद है. रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी टीम दिन-रात मजदूरों को निकालने की कोशिश में लगी हुई है.
मजदूरों का रखा जा रहा पूरा ख्याल
टनल के अंदर 15 दिन से फंसे मजदूरों का तनाव कम करने के लिए स्मार्टफोन भेजे गएं हैं. इन स्मार्टफोन में वीडियो गेम डाउनलोड करके दिए गए हैं. इनमें लूडो और सांप सीढ़ी जैसे कई गेम शामिल हैं. जो अंदर फंसे मजदूर अपना तनाव कम करने के लिए साथियों के साथ खेलेंगे. अभी तक अंदर फंसे मजदूर शुरू में वॉकी-टॉकी के जरिए अपने परिजनों से बात कर रहे थे. वहीं, अब ये मंजदूर अपने परिजनों से लैंडलाइन फोन पर बात कर सकेंगे. इसके लिए पूरा सेटअप तैयार किया गया है.
मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू, पीएम के उप सचिव पहुंचे सिलक्यारा टनल
उत्तरकाशी में चल रहे 41 मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति जानने के लिए पीएम मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा सिलक्यारा टनल पहुंच चुके हैं. प्रमुख सचिव रेस्क्यू की मौजूदा स्थिति और उससे जुड़े तमाम प्लान की जानकारी लेंगे. बता दें कि टनल में मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है. कुल 11 लोगों की टीम मैनुअल ड्रिल के काम में लगाई गई है. टीम के लोग पाइप के अंदर मौजूद हैं.