देहरादून:पुष्पांजलि इंफ्राटेक के फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हड़प करने के मामले में आरोपित निदेशक राजपाल वालिया को प्रवर्तन निदेशालय की देहरादून शाखा ने भी गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही ईडी ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग की विशेष अदालत से राजपाल की पांच दिन की रिमांड भी प्राप्त कर ली है। अदालत ने 23 अक्टूबर तक के लिए रिमांड मंजूर की है।
इस दौरान ईडी अधिकारी राजपाल वालिया से आवासीय परियोजना के निर्माण के लिए फ्लैट खरीदारों से प्राप्त राशि के प्रयोग आदि को लेकर गहन पूछताछ करेंगे। राजपाल वालिया को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने 29 सितंबर को गिरफ्तार किया था। तभी से वालिया सुद्धोवाला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में था।
पुष्पांजलि प्रकरण में सभी के खिलाफ नौ मुकदमे दर्ज
पुष्पांजलि प्रकरण में निदेशक दीपक मित्तल और उसकी पत्नी के फरार हो जाने के बाद इन दोनों निदेशकों समेत निदेशक राजपाल वालिया व अन्य के विरुद्ध पुलिस में नौ मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, प्रकरण में मनी लांड्रिंग की आशंका को देखते हुए ईडी ने भी मार्च 2022 में कार्रवाई करते हुए पुष्पांजलि की दोनों परियोजना (आर्किड पार्क फेज एक व दो) के साथ ही निदेशकों के फ्लैट अटैच कर दिए थे। लंबे समय बाद इस केस में न सिर्फ पुलिस ने सक्रियता दिखाई, बल्कि ईडी ने भी तेजी से कार्रवाई शुरू की।
दीपक मित्तल के पिता की हो चुकी है गिरफ्तारी
इससे पहले ईडी राजपाल वालिया की पत्नी शेफाली वालिया को गिरफ्तार कर चुकी है और दूसरी तरफ दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को देहरादून पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अब केस की महज एक कड़ी दीपक और राखी की गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है।ये दोनों भगौड़े आरोपित अभी दुबई में बताए जा रहे हैं और पुलिस समेत ईडी व रेरा के साथ लुका-छिपी खेल रहे हैं। हालांकि, वालिया की रिमांड के दौरान दोनों फरार निदेशकों को लेकर भी अहम जानकारी हाथ लगने की उम्मीद है।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक की परियोजना से जुड़ी अहम बातें
- पुष्पांजलि की आर्किड पार्क (फेज एक व दो) समेत एमिनेंट हाइट्स परियोजना के 90 के करीब फ्लैट खरीदार कब्जे के लिए चार-पांच साल से मारे-मारे फिर रहे हैं।
- बिल्डर दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल वर्ष 2020 से ही फरार हैं।
- परियोजनाओं का निर्माण वर्ष 2018 से ही बंद चल रहा है और खरीदारों के करीब 45 करोड़ रुपये फंस गए हैं।
- फ्लैट खरीदारों की ओर से रेरा में 64 शिकायतें दर्ज हैं, जबकि पुलिस में नौ मुकदमे पंजीकृत हैं।
- परियोजना के निर्माण के लिए पीएनबी की इंदिरा नगर शाखा से लिया गया 21 करोड़ रुपये का ऋण एनपीए घोषित हो चुका है, हालांकि, खरीदारों के हित को देखते हुए सरफेसी एक्ट के तहत नीलामी पर रेरा की रोक है।
- प्रकरण में मनी लांड्रिंग को देखते हुए ईडी मार्च 2022 में परियोजना व निदेशकों के फ्लैट अटैच कर चुका है।
- रेरा ने फ्लैट खरीदारों की मांग पर अन्य बिल्डर से परियोजना पूर्ण कराने के विकल्प पर विचार किया, लेकिन प्रकरण की पेचीदगी को देखते हुए बात आगे नहीं बढ़ पा रही।
- फ्लैट खरीदारों की परेशानी को देखते हुए अब रेरा ने अन्य बिल्डर से अधूरी परियोजना को पूरा कराने की दिशा में कुछ कदम बढ़ाए हैं।
- फिर भी रेरा अभी परियोजना को प्रभावी रूप से पूरा कराने की दिशा में एक्ट की धारा 08 का प्रयोग करने से बच रहा है।