देहरादून:रायपुर से पकड़ी गई नामी कंपनी की नकली दवाओं की खेप पहाड़ से लेकर बिहार तक जाती थी। कई और राज्यों में भी इस फर्जी कंपनी का मार्केट था। पुलिस जीएसटी से इसकी जानकारी जुटा रही है। हालांकि, अभी जीएसटी का जवाब आना बाकी है।
इसके अलावा खातों में लेनदेन की जानकारी के लिए भी बैंकों से संपर्क किया गया है। ताकि, इनके खातों में जिन जगहों से पैसे आए उन तक भी पुलिस पहुंच सके। शनिवार को रायपुर पुलिस ने नकली दवा बनाने वाली एक कंपनी का गोदाम, फैक्टरी पकड़ा। यहां पर गुरुग्राम की जगसनपाल फार्मास्यूटिकल कंपनी के नाम से कई नकली दवाएं बनाई जा रही थीं। पुलिस ने फैक्टरी से 29 लाख कैप्सूल और कच्चा माल बरामद किया था। इस माल की कुल कीमत करीब चार करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में भी कई खुलासे हुए। इनमें पता चला था कि आरोपी इन दवाओं की सप्लाई बिहार तक करते थे। यही नहीं अब पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इन दवाओं की बड़े पैमाने पर पहाड़ के मार्केट में भी खेप भेजी जाती थी। पुलिस अब ड्रग विभाग के साथ मिलकर वहां भी कार्रवाई करने जा रही है।
इसके साथ ही जीएसटी से इनके कारोबार का पता लगाने के लिए जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के 23 बैंक खाते फ्रीज कराए थे, जिनमें 75 लाख रुपये जमा थे। इन खातों के ट्रांजेक्शन की डिटेल जुटाई जा रही है। ताकि, आरोपियों के क्लाइंट के बारे में पता लगाया जा सके। बताया जा रहा है कि इनमें कई ट्रांजेक्शन बिहार से भी हुई हैं। पुलिस इन आरोपियों की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
आमतौर पर इस तरह की दवा बनाने वाले जालसाज कुरियर का भी इस्तेमाल करते हैं। ताकि, जीएसटी व अन्य चेकपोस्ट पर माल न पकड़ा जा सके। पिछले साल हरिद्वार में हुई इस तरह की कार्रवाई में इस बात का खुलासा हुआ था। मंगलौर में दवा बनाते पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया था कि वे छोटे-छोटे पार्सल को कुरियर के माध्यम से विभिन्न राज्यों को भेजते हैं। ऐसे में उन्हें न तो टैक्स देना पड़ता है और न ही यह कारोबार किसी की निगाह में आता है। इस बात की जांच रायपुर में पकड़े गए आरोपियों के संबंध में भी की जा रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि इन लोगों ने भी कुरियर सेवा का इस्तेमाल किया होगा।