देहरादून:राजभवन में आइटी और एआइ के माध्यम से पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने को इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के निर्देशन में तैयार इस व्यवस्था में देहरादून और नैनीताल स्थित राजभवन में मौजूद सामान की सूची तैयार कर उनमें क्यूआर कोड लगाया गया है।
इस क्यूआर कोड ( QR Code) को स्कैन करने पर उस सामान या इन्वेंटरी का पूरी जानकारी आ जाती है। क्यूआर कोड में इन्वेंटरी के प्रारंभ से लेकर निष्प्रयोज्य होने तक समस्त जानकारी होगी। इस सिस्टम के माध्यम से मैनुअल स्टाक भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी, साथ में त्रुटि की संभावना भी न्यून रहेगी। इसमें गृह अधिष्ठान, आइटी सेक्शन, लाइब्रेरी, अवार्ड, पीडब्ल्यूडी, विद्युत एवं सिविल में उपलब्ध इन्वेंटरी को शामिल किया गया है।
इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत राज्यपाल को उनके कार्यकाल के दौरान विभिन्न समारोह एवं कार्यक्रमों में प्राप्त उपहार भी सम्मिलित हैं। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने इस इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम को विकसित किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ओंकार सिंह ने राजभवन में इस संबंध में राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया।
इन्वेंटरी का आसानी से हो सकेगा प्रबंध
राज्यपाल ने कहा कि इस सिस्टम से डिजिटल पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि नैनीताल के ऐतिहासिक राजभवन में 100 वर्षों से भी अधिक पुराने सामान के लेखे-जोखे का प्रबंधन किया जाना एक मुश्किल कार्य है। इसके माध्यम से यह आसान हो जाएगा। वहीं राजभवन की अन्य इन्वेंटरी का प्रबंध भी आसानी से हो सकेगा।उन्होंने कहा कि आइटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित इस एप को राजभवन से प्रारंभ करने से प्रदेश के अन्य विभागों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस एप का 17 अक्टूबर को राजभवन में लांच किया जाएगा।
विभिन्न विभागों के सचिवों को भी किया गया आमंत्रित
इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के सचिवों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि वे अपने विभागों में इस तरह की अभिनव पहल को अपना सकें। इस अवसर पर सचिव रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, वित्त नियंत्रक डा तृप्ति श्रीवास्तव उपस्थित रहीं।