देहरादून: शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने, आमजन को सुविधा और आरामदायक सफर उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग ने देहरादून शहर में दौड़ रही डीजल चालित खटारा सिटी बसों को बाहर करने की तैयारी कर ली है। डीजल बसों के स्थान पर शहर में सीएनजी चालित बसें चलेंगी।हालांकि, शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अभी 30 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रहीं, लेकिन इनकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक प्रति बस होने के कारण निजी ट्रांसपोर्ट इन बसों को लाने पर सहमत नहीं हैं। ऐसे में परिवहन विभाग ने ट्रांसपोर्टरों के लिए राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें नई सीएनजी बस लाने पर ट्रांसपोर्टर को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की तैयारी चल रही है।
एक साल से सीएनजी बसों के संचालन पर चल रही कसरत
परिवहन विभाग पिछले एक वर्ष से शहर में सीएनजी सिटी बसों के संचालन की कसरत कर रहा। इसके लिए शासन स्तर पर सिटी बस संचालकों के साथ पिछले वर्ष बैठक भी की गई थी। बैठक में जब सरकार ने शहर में इलेक्ट्रिक सिटी बसों के संचालन का प्रस्ताव रखा था तो सिटी बस संचालकों ने इसे सिरे से नकार दिया था और कहा था कि वह एक से सवा करोड़ रुपये कीमत वाली बस नहीं ला सकते। हालांकि, सीएनजी बसों पर उन्होंने सशर्त सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। इसमें शर्त यह थी कि स्मार्ट सिटी परियोजना की इलेक्ट्रिक बसों की तर्ज पर सिटी बस संचालकों को भी सीएनजी बसों में सब्सिडी दी जाए।
बता दें कि इलेक्ट्रिक बसें संचालित कर रही निजी कंपनी को स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से प्रति किमी 67 रुपये भुगतान किया जा रहा। सिटी बस संचालकों की मांग थी कि सीएनजी बस की खरीद पर उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाए। संचालकों ने शासन को बताया था कि सीएनजी की 25 सीटर बस की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है। सब्सिडी के तौर पर सरकार अगर साढ़े 12 लाख रुपये देती है तो वह सीएनजी बस लाने को तैयार हैं। यही नहीं, ट्रांसपोर्टरों ने पर्यटन विभाग की ओर से संचालित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत सिटी बस संचालकों को चार प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की मांग भी की थी।