देहरादून:उत्तराखंड परिवहन निगम के अनुबंधित ढाबे पर यात्रियों से लूट-खसोट की घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न केवल नाराजगी व्यक्त की, बल्कि परिवहन निगम के अधिकारियों को ढाबे का अनुबंध समाप्त करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में शुक्रवार को प्रकाशित खबर का संज्ञान लिया और निर्देश दिए कि अनुबंधित ढाबों का निरीक्षण कर खानपान की वस्तुओं के मूल्य की जांच की जाए। जिस पर परिवहन निगम प्रबंधन ने तत्काल बिजनौर स्थित ग्रीन हाईवे ढाबे का अनुबंध समाप्त कर दिया और बस चालकों को वहां बसें न रोकने के आदेश जारी कर दिए। लंबी दूरी के मार्गों पर बसों के ठहराव और यात्रियों के खानपान के लिए अनुबंधित परिवहन निगम के ढाबों पर अकसर यात्रियों से अवैध वसूली की शिकायतें मिलती रहती हैं।
यात्रियों से मनमानी पैसे वसूल
बीते गुरुवार को ताजा मामला कोटद्वार-दिल्ली मार्ग पर सामने आया था, जब कोटद्वार से दिल्ली जा रही परिवहन निगम की बस बिजनौर स्थित अनुबंधित मोहम्मद सादिक के ग्रीन हाईवे ढाबे पर रुकी। यहां यात्रियों को एक परांठे का मूल्य 50 रुपये बताया गया, लेकिन वसूले गए 150 रुपये। कोटद्वार निवासी मनोज कुमार भी इस बस में सवार थे और उनसे दो परांठे के 300 रुपये लिए गए।
मनोज कुमार ने दिल्ली पहुंचकर इस संबंध में परिवहन निगम के मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता को मोबाइल पर शिकायत भेजी थी। ‘दैनिक जागरण’ ने शुक्रवार के अंक में यह मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसका संज्ञान सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया और परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. आनंद श्रीवास्तव को तत्काल ढाबे का अनुबंध समाप्त करने के निर्देश दिए। निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने तत्काल आदेश जारी कर ढाबे का अनुबंध समाप्त कर दिया।
चालक-परिचालक पर भी होगी कार्रवाई
अनुबंधित ढाबा संचालक की लूट-खसोट का विरोध करने के बजाए ढाबा संचालक का साथ देने वाले कोटद्वार डिपो की बस के चालक व परिचालक पर भी परिवहन निगम कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। मंडल प्रबंधक ने कोटद्वार डिपो के सहायक महाप्रबंधक को दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध रिपोर्ट देने को कहा है।
50 रुपये के पराठे का 150 रुपये वसूलने की शिकायत
बता दें कि जब यात्रियों ने 50 रुपये के पराठे के 150 रुपये वसूले जाने की शिकायत चालक व परिचालक से की थी तो उन्होंने कहा था कि जहां शिकायत करनी है, कर लो, लेकिन यहां पूरा भुगतान करो। परिचालक खुर्शीद ने यात्रियों को शिकायत के लिए परिवहन निगम के अधिकारियों का नंबर देने से भी मना कर दिया था।