देहरादून:निरंतर आ रही प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती से निबटने व क्षति के न्यूनीकरण की रणनीति को लेकर भारत समेत विश्व के तमाम देशों के विशेषज्ञ और विज्ञानी देहरादून में मंथन में जुटेंगे। अवसर होगा छठवां विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन, जो 28 नवंबर से एक दिसंबर तक यहां आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सम्मेलन के उद्घाटन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया जाएगा।
सम्मेलन का ब्रांड एंबेसडर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को बनाया गया है। सम्मेलन से उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी क्षेत्रों की आपदा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान को वैश्विक स्तर पर हो रहे चिंतन व प्रयासों को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह सम्मेलन उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, डिजास्टर मैनेजमेंट इनिशिएटिव एंड कन्वर्जेंस सोसायटी हैदराबाद और उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुखों, केंद्र सरकार के मुख्य विज्ञानिक सलाहकार के साथ ही देश विदेश के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संघ और देश-विदेश के जलवायु विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन का उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन व आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा एवं समाधान सुझाना है।
डीआरआर पर होगी विमर्श
इसके अलावा उत्तराखंड को आपदा प्रतिरोध और तत्परता के लिए जलवायु अनुकूल समाधानों के केंद्र के रूप में विकसित करना भी है। जी-20 की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत ने जी-20 की सफल अध्यक्षता की। नवंबर में इसकी वार्षिक अध्यक्षता का अंतिम चरण है। जी-20 में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डीआरआर) अहम विषय के रूप में शामिल है। सम्मेलन में भी डीआरआर पर विमर्श होगा।
दो हजार प्रतिनिधि होंगे शामिल सम्मेलन के लिए 172 दूतावासों से संपर्क किया गया है। दो हजार से अधिक प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके चार मुख्य व 50 तकनीकी सत्र होंगे। सम्मेलन में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों के शोध प्रदर्शन को मेगा एक्सपो भी होगा। सम्मेलन से पहले राज्य के शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, केंद्रीय संस्थानों के साथ ही देशभर के संस्थानों में भी कई कार्यक्रम होंगे।
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