डेंगू जिसे इंग्लिश में डेंगी कहते हैं,एडीजमैस्कट के काटने के कारण होता है। एडीज मच्छर जमे हुए पानी जैसे कूलर में जमा हुआ पानी, फूलों के गमलों में जमा हुआ पानी या कोई ऐसी जगह जहां पर पानी कई दिनों तक जमा हुआ रहता हो। बता दें कि यह छोटा सा मच्छर व्यक्ति की जान तक ले सकता है। मच्छर कई जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है और डेंगू उन्हीं में से एक है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते डेंगू से बचाव के उपाय किए जा सके। इस आर्टिकल में बताए गए डेंगू से बचाव के उपाय आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। उससे पहले जानते हैं डेंगू से जुड़े कुछ मिथक और फैक्ट्स –
जानें डेंगू से जुड़े कुछ मिथक और उनका सच..क्या यह सच है कि डेंगू के मच्छर सिर्फ दिन के समय ही काटते हैं?
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जो आम तौर पर दिन के समय में ही हमला करता है। यह ज्यादातर कोहनी के नीचे और घुटनों के नीचे ही काटते हैं। यह शरीर के वैसे हिस्सों पर काटते हैं, जहां त्वचा का रंग गहरा हो।
डेंगू से कैसे बचें?
- ऐसे जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहां एडीज मच्छर का खतरा ज्यादा होता है।
- घर में होने वाले कचरे को ज्यादा दिनों तक घर के अंदर इक्कठा नहीं करना चाहिए।
- नियमित रूप से या हर सप्ताह घर में जमा किए गए पानी को हटाना।
- जिस जगह पानी जमा करते हैं वहां कीटनाशक का प्रयोग जरूर करें।
- लोगों में साफ-सफाई से जुड़ी जानकारी पहुंचाएं।
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।
- मच्छरदानी लगाकर ही सोए।
- खिड़की और दरवाजे बंद करके रखें।
डेंगू से बचाव के उपाय
मेथी से भागेगा बुखार:
डेंगू से बचाव के उपाय के रूप में लोग मेथी के पत्ते का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए एक चम्मच मेथी के सूखे पत्ते को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। फिर पानी छान लें और चाय की तरह सेवन करें।
पपीता का उपयोग है प्रभावी :
डेंगू बुखार के बचाव के उपाय में पपीता के पत्तों का अर्क असरदार उपायों में से एक है। पपीते के पत्ते का अर्क बनाने के लिए मुट्ठी भर पपीते के पत्तों को पीसकर इसके रस को सीधे तौर पर पी सकते हैं। ऐसे अगर पीना संभव न हो तो इसमें पानी और शहद मिलाया जा सकता है। इसके पत्ते में विटामिन- सी और एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इम्यून पावर को सुधारने के साथ-साथ प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं।
गिलोय है प्रभावकारी:
डेंगू से बचाव के उपाय में गिलोय का प्रभावी उपचार तो आपने सुना ही होगा ,इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं गिलोय एंटीपायरेटिक यानी ज्वरनाशक भी है। गिलोय का उपयोग पुराने से पुराने बुखार को कम करने में किया जाता है। प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने के उपाय के लिए भी यह जाना जाता है। इस प्रकार यह डेंगू से बचाव के उपाय में सबसे अच्छे प्राकृतिक विकल्पों में से एक है। इसके लिए गिलोय का अर्क, गिलोय कैप्सूल या टैबलेट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है।
बकरी का दूध:
डेंगू बुखार में शरीर में सेलेनियम और ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। ऐसे डेंगू के बचाव के उपाय के रूप में बकरी का दूध एक प्रभावी इलाज हो सकता है। इसके उपयोग से शरीर में सेलेनियम की कमी पूरी होती और प्लेटलेट भी बढ़ती हैं।
कड़वी नीम से बुखार इलाज:
नीम का इस्तेमाल कई तरह के इंफेक्शन को दूर करने में किया जाता है। इसका प्रयोग शरीर की अन्य बीमारियों के उपचार में भी किया जा सकता है, जिसमें डेंगू बुखार भी शामिल है। डेंगू से बचाव के उपाय के तौर पर नीम का गुनगुना पानी पीएं और असर देखें।
कीवी से सेहत में होगा सुधार:
कीवी फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं।इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। यह मिनरल,आयरन, विटामिन और अन्य कई पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। किवी में विटामिन-सी ,इम्युनिटी और प्लाज्मा में सुधार करता है और कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने काम भी करते हैं।
डेंगू बुखार काफी खतरनाक साबित होता है और यह कभी भी और किसी को भी हो सकता है। इसलिए, ऊपर बताए गए डेंगू से बचाव के उपाय आप याद रखें। साथ ही डॉक्टर को भी दिखायें। डेंगू से बचाव के उपाय समय से न किए जाए तो ब्यक्ति की जान भी जा सकती है।