नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर सचिव की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस बैठक में पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए), वैज्ञानिक संस्थाओं के विशेषज्ञों और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाया गया है।जोशीमठ आपदा प्रभावित को शीघ्र राहत मिल सकती है। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से तीन मई को नई दिल्ली में बैठक बुलाई गई है। संभव है कि इस बैठक में जोशीमठ पुनर्निर्माण के लिए राहत पैकेज पर कोई फैसला हो जाए। राज्य सरकार की ओर से राहत पैकेज के तौर पर केंद्र से करीब तीन हजार करोड़ रुपये की मांग की गई है।नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर सचिव की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस बैठक में पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए), वैज्ञानिक संस्थाओं के विशेषज्ञों और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बैठक का एजेंडा अभी नहीं भेजा गया है। राहत पैकेज चर्चा होगी, इतना तय है, इस पर मुहर लगेगी, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।बताते चलें कि हाल ही में केंद्र से पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए) टीम ने चार दिन जोशीमठ में रहकर इसके प्रभावित हिस्से का बारिकी से निरीक्षण किया है। टीम 26 अप्रैल को दिल्ली लौट गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक में पीडीएनए की रिपोर्ट पर चर्चा के साथ राहत पैकेज पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
आपदा प्रभावित जोशीमठ में करीब 350 से अधिक प्रभावित परिवारों को स्थायी तौर पर विस्थापित करना पड़ सकता है। जबकि कुछ हिस्सों में पुन: परिवारों को बसाया जा सकता है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार केंद्र की पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए) टीम ने अपने अध्ययन के बाद रिपोर्ट में इस बात की जिक्र किया है।