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लाहौर, 5 मार्च (आईएएनएस)। पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान रविवार को गिरफ्तारी से बचते रहे, क्योंकि इस्लामाबाद पुलिस लाहौर में उनके जमान पार्क स्थित आवास पर पहुंच गई और तोशखाना अदालत की सुनवाई से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें हिरासत में लेने के लिए अदालत का समन मिला। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री, जो पिछले साल लॉन्ग मार्च के दौरान एक विरोधी की गोली लगने की चोट से उबर रहे थे, इस मामले में तीन बार इस्लामाबाद सत्र अदालत में अभियोग की सुनवाई में शामिल नहीं हुए।
कहा गया है कि जब इस्लामाबाद पुलिस अपने पंजाब पुलिस समकक्षों के साथ रविवार को दोपहर के बाद इमरान खान के आवास पर पहुंची, तो उन्हें पार्टी नेताओं के साथ पीटीआई समर्थकों की भीड़ मिली। पुलिस को सूचित किया गया कि पीटीआई प्रमुख मौजूद नहीं हैं।
पीटीआई कार्यकर्ताओं की संख्या पुलिस दल से अधिक होने के कारण और इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख के पहले यह कहने के बावजूद कि वे खाली हाथ वापस नहीं जाएंगे, गिरफ्तारी नहीं की जा सकी।
जैसा कि इमरान खान के ठिकाने पर बहस हो रही थी, उन्होंने जमान पार्क निवास से टीवी पर प्रसारित पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करके घंटों के रहस्य को समाप्त कर दिया।
पीटीआई समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी किसी व्यक्ति या संस्था के आगे नहीं झुके और आपको भी ऐसा नहीं करने देंगे।
इमरान खान ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने जेल भरो तहरीक (अदालत गिरफ्तारी आंदोलन) में भाग लिया, उसके लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उन्होंने जमान पार्क में जनता को बुलाया था।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, मैंने आपको अपने समर्थन के लिए नहीं बल्कि धन्यवाद देने के लिए फोन किया था।
उन पर अपनी संपत्ति की घोषणाओं में छुपाने का आरोप है। उनसे तोशखाना से निकाले गए विदेशी उपहारों का विवरण मांगा गया, मगर उन्होंने नहीं दिया।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों को कानूनी रूप से उपहार रखने की अनुमति है, बशर्ते वे पूर्व-निर्धारित राशि का भुगतान करें, आमतौर पर उपहार के मूल्य का एक अंश।
रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि लाहौर पुलिस के सहयोग से इमरान को गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि पीटीआई प्रमुख गिरफ्तारी से बच रहे थे। पुलिस अधीक्षक इमरान के कमरे में गए थे, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे।
–आईएएनएस
एसजीके
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