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भुवनेश्वर, 31 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास की झारसुगुड़ा में हुई हत्या के दो दिन बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को जिले के एसपी और ब्रजराजनगर एसडीपीओ का तबादला पुलिस मुख्यालय कर दिया।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, झारसुगुड़ा ऊलिस के अधीक्षक राहुल जैन और अनुमंडल पुलिस अधिकारी ब्रजराजनगर गुप्तेश्वर भोई को राज्य पुलिस मुख्यालय, कटक से संबद्ध कर दिया गया है।
भोई की जगह अथमल्लिक के एसडीपीओ चिंतामणि प्रधान को लगाया गया है, जबकि बरगढ़ के एसपी परमार स्मित पुरुषोत्तमदास का झारसुगुड़ा ट्रांसफर किया गया है.
झारसुगुड़ा के ब्रजराजनगर के गांधी चौक के पास 29 जनवरी को पुलिस एएसआई गोपाल दास ने गोली मारकर मंत्री की हत्या कर दी थी।
राज्य सरकार ने यह कदम विपक्षी भाजपा और कांग्रेस की आलोचना के बाद उठाया है, जिन्होंने मंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपे गए व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री और डीजीपी की आलोचना की थी।
इस बीच क्राइम ब्रांच ने दास के बड़े भाई को हिरासत में लिया है, जो घटना होने तक लगातार आरोपी के संपर्क में था।
सूत्रों ने कहा कि सीआईडी की एक टीम ने भाई को दास के पैतृक घर बेरहामपुर जिले के बी.एन. पुर थाना क्षेत्र के जलेश्वरपुर गांव से हिरासत में लिया है।
दास का भाई ब्रजराजनगर में एक होटल चलाता था, जहां मंत्री की हत्या हुई थी। होटल को लगभग एक महीने पहले ही स्थापित किया गया था और कथित तौर पर घटना वाले दिन यह बंद रहा।
हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए सीआईडी की टीम ने आरोपी की पत्नी, परिवार के अन्य सदस्यों और ग्रामीणों से पूछताछ की।
झारसुगुड़ा में कैंप कर रही क्राइम ब्रांच की टीम ने वैज्ञानिक अधिकारियों और बैलिस्टिक विशेषज्ञों के साथ हत्या स्थल का दोबारा मुआयना किया। मौके से और सुराग तलाशने के लिए टीम ने 3डी स्कैनर लगाया है। अपराध शाखा ने एक बयान में कहा, स्कैनर ने 3आर प्रारूप में घटनास्थल का पूरा विवरण लिया है, जिससे जांचकर्ता को घटनाओं के क्रम को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
सबूत और सुराग खोजने के लिए मंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन का वैज्ञानिक अधिकारी और बैलिस्टिक विशेषज्ञों द्वारा पूरी तरह से निरीक्षण किया गया था। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया। टीम द्वारा घटनास्थल और गवाहों से पूछताछ जारी है।
इस बीच, सीआईडी ने डीएसपी बासुदेव भुइयां के नेतृत्व में 8 अधिकारियों की एक और टीम भी गठित की है, जो आरोपियों और गवाहों की जांच और पूछताछ में सहयोग/सहायता करने के लिए झारसुगड़ा के लिए रवाना हो गई है।
हत्या के दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं लगा पाई है।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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